ग्वालियर । मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों पर कानून का कोड़ा चला है। अलग-अलग जिलों से 3 लोगों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। छिंदवाड़ा और जबलपुर जिलों में आदिवासी विकास विभाग के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। वहीं गुना जिले में एक पंचायत सचिव को अरेस्ट किया गया है।
   
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजय साहू ने बुधवार को बताया कि लोकायुक्त पुलिस के दस्ते ने मंगलवार को छिंदवाड़ा में आदिवासी विकास  विभाग की लेखाकार संगीता झाड़े तथा जबलपुर में कंप्यूटर आपरेटर मनीष परते  को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। उन्होंने कहा कि सोनपुर के आदिवासी  छात्रावास में तैनात चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी के पुत्र ने शिकायत की थी कि झाड़े ने आधिकारिक रिकॉर्ड में उसकी जन्मतिथि सही करने के लिए 80  हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
    
अधिकारी ने कहा कि योजना बनाकर  लेखाकार झाड़े को आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय में 25  हजार रुपये रिश्वत की पहली किश्त लेते हुए पकड़ा गया। उन्होंने  बताया कि जबलपुर में लोकायुक्त पुलिस के दस्ते ने विभाग के उपायुक्त  कार्यालय में सहायक ग्रेड-3 कंप्यूटर आपरेटर को नियुक्ति आदेश जारी करने के  लिए एक व्यक्ति से पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
     
अधिकारी के मुताबिक पड़ोसी मंडला जिले के टिकरिया गांव के शिकायतकर्ता पवन झरिया का चयन एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से शिक्षक ग्रेड-2 के पद पर हुआ था, लेकिन आरोपी अधिकारी ने उसका नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए पांच  हजार रुपये की मांग की थी। अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की  कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

गुना के गुनहगार

गुना जिले की ग्राम पंचायत गोविंदपुर तकटकिया में जल जीवन के तहत बिछाई जा रही नल कनेक्शन के लिए पाइप लाइन को हैंड ओवर के लिए साइन करने के नाम पर सचिव द्वारा ठेकेदार अरशद खान से 50 हजार की मांग की जा रही थी। ठेकेदार द्वारा कई बार सचिव से इतने पैसे नहीं होने की बात कही तो सचिव ने मामला 40 हजार रुपये में निपटाने के लिए कहा। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत में लगभग 12 लाख से जल जीवन के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी जिसका भुगतान होना था और पंचायत को लाइन हैंडोवर होनी थी।

इसी के एवज में सचिव द्वारा ठेकेदार से पैसे की मांग की जा रही थी जिस पर ठेकेदार ने सचिव की रिकॉर्डिंग कर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए सचिव को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। जिसके तहत ठेकेदार द्वारा सचिव से पैसे कम दिया होने की बात कही गई। वहीं जब सचिव गुना में हनुमान चौराहे के पास नगर पालिका के करीब आया और ठेकेदार से पैसे लिए उसी समय लोकायुक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथ सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया।