भोपाल। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश की पुलिस कई तरह के प्रयोग कर रही है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि पुलिस अफसर और जवानों का मनोबल मजबूत रहे। ऐसे ही दोनों तरह के मामले सामने आए हैं। एक और मुख्यमंत्री और गृह मंत्री जवानों का हौंसला बढ़ाने के लिए बालाघाट पहुंचे हैं। इधर सीआईडी ने गंभीर मामलों के आरोपियों को उनके किये की सजा मिल सके, इसलिए लिए पुख्ता और मजबूत सिस्टम हर जिले में बनाया जा रहा है।
गंभीर अपराधों में विवेचना करने वाले अफसरों की सीआईडी के आदेश ने धड़कन बढ़ा दी है। इस आदेश के साथ स्वमूल्यांकन की इतनी लंबी लिस्ट भी जिलों में भेजी गई है कि उसे क्रॉस चेक करने में विवेचक को पसीना आ जाए। हालांकि पुलिस मुख्यालय की सीआईडी की ओर से जारी इस आदेश के पीछे उद्देश्य यह है कि गंभीर मामलों में कोई भी साक्ष्य छूट न पाये और जांच इतनी पुख्ता हो कि आरोपियों को हर हाल में सजा मिल सके।
सीआईडी ने करीब डेढ़ सौ पेज का एक आदेश और चेक लिस्ट भोपाल-इंदौर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के साथ ही सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और रेल पुलिस अधीक्षकों को भेजी है। इस आदेश में कहा गया है कि अनुसंधान के दौरान साक्ष्य संकलन का स्वमूल्यांकन भी करना होगा। इस आदेश में लिखा गया है कि इसका उद्देश्य यह है कि विवेचना में कोई महत्वपूर्ण बिंदु छूट न जाए, इसलिए लिये चेक लिस्ट जारी की गई है।
एसपी को भी करना होगा क्रॉस चेक
इन सभी मामलों को विवेचना अधिकारी को चेक लिस्ट में अपने द्वारा की गई जांच को जहां क्रॉस चेक किया जाएगा। वहीं पुलिस अधीक्षक या अन्य अफसर भी विवेचना अधिकारी की जांच को इस क्रॉस चेक लिस्ट के जरिए चेक कर सकेंगे।
इन मामलों में साक्षयों का करना होगा स्वमूल्यांकन
महिला संबंधी अपरोधों में दुष्कर्म, अपहरण, दुर्व्यापार, दहेज मृत्यु, आत्महत्या। वहीं लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षक, एनडीपीएस एक्ट, हत्या, आपराधिक माननवध, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती । वहीं वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, आबकारी एक्ट, मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिषेघ अनिनियम, आईटी एक्ट के तहत होने वाले अपराधों के साक्ष्य का क्रॉस चेक किया जाएगा। वहीं साइबर आतंकवाद, अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रानिक रूप में प्रकाशन, संरक्षित प्रणाली में नियम विरुद्ध पहुंच प्राप्त करना। इस तरह के चेक लिस्ट 41 मामलों को लेकर सीआईडी ने जिलों में भेजी है।