आचार संहिता लागू होने बाद चुनाव आयोग करेगा तय
भोपाल। प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को सेवावृद्धि देने की अटकलें चल रही हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इससे जुड़ा कोई प्रस्ताव दिल्ली नहीं भेजा है। ऐसे में दस दिनों के भीतर सरकार को मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाना है या फिर नया मुख्य सचिव नियुक्त करना है, क्योंकि आचार संहिता के बाद मुख्य सचिव का फैसला चुनाव आयोग की सहमति से वरिष्ठता के आधार पर ही होगा।
मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रही हैं। इस दौरान लोकसभा चुनाव के चलते प्रदेश में आचार संहिता लागू हो चुकी होगी। आचार संहिता के दौरान नए मुख्य सचिव का फैसला चुनाव आयोग की सहमति से होगा। आयोग वरिष्ठता के आधार पर तय करेगा। वरिष्ठता के हिसाब से 1988 बैच के आईएएस संजय बंदोपाध्याय का नाम सबसे ऊपर है। मुख्य सचिव वीरा राणा का फैसला भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग की सहमति से वरिष्ठता के आधार पर लिया गया। सरकार को आचार संहिता से पहले ही तय करना होगा कि सेवावृद्धि दी जाए या फिर नया मुख्य सचिव नियुक्त किया जाए। फिलहाल सरकार ने मुख्य सचिव से जुड़ा कोई प्रस्ताव दिल्ली नहीं भेजा है। सरकार यदि मुख्य सचिव नियुक्त करती है तो दौड़ में संजय बंदोपाध्याय के बाद मप्र में पदस्थ अफसरों में 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान सबसे वरिष्ठ हैं। इनके अलावा यदि सरकार किसी और को मुख्य सचिव बनाना चाहती है तो उसे अभी तय करना पड़ेगा।