भोपाल। चुनावी साल में महिलाओं को साधने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब जल्द ही एक और नई योजना शुरू करने जा रहे हैं। इस योजना में प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को चार हजार रुपए दिए जाएंगे। इसका नाम मुख्यमंत्री जीवन जननी योजना होगा। इस योजना का लाभ उन महिला हितग्राहियों को मिलेगा जो संबल योजना के दायरे से बाहर हैं। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के बाद महिलाओं के लिए सीएम चौहान द्वारा दो माह में शुरू की जाने वाली यह दूसरी योजना है।
योजना को इसी माह कैबिनेट में मंजूरी दिलाने का काम किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण के लिए इसके पहले सीएम चौहान लाड़ली लक्ष्मी योजना समेत दर्जन भर अन्य योजनाएं चालू कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री जीवन जननी योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओ को आर्थिक सहायता देने के लिए उनके खाते में 4 हजार रुपए जमा किए जाएंगे। राज्य की ऐसी महिलाओं को योजना का लाभ लेने के लिए गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण कराना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी जाति, धर्म, समाज का बंधन नहीं होगा। योजना के माध्यम से ऐसी गर्भवती महिलाओं को लाभ दिया जाएगा जिनके पति आयकरदाता नहीं होंगे।
साथ ही इस योजना में प्रदेश में संभागीय स्तर पर ड्रग वेयर हाउस की स्थापना की जाएगी। ड्रग वेयर हाउस की स्थापना होने से गर्भवती महिलाओं को दवाओं की निशुल्क मिल सकेंगी।
संबल और जननी सुरक्षा योजना पहले से लागू
संबल योजना के अंतर्गत श्रम विभाग में रजिस्टर्ड श्रमिकों परिवारों की महिलाओं को प्रसूति सहायता योजना में गर्भवती होने के पहले और उसके बाद तक लाभ देने का काम सरकार पहले ही कर रही है। अब शेष रहने वाली सभी वर्गों की महिलाओं के लिए नई योजना शुरू करने की तैयारी है। इसके अलावा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2005 से शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना भी एमपी में संचालित है।
इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर ग्रामीण क्षेत्र की जननी को 1400 रुपए और शहरी क्षेत्र की जननी को 1000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। साथ ही प्रसव प्रोत्साहन के लिए ग्रामीण क्षेत्र की आशा सहयोगियों को 600 रुपए और शहरी क्षेत्र की आशा सहयोगियों को 400 रुपए देने का भी प्रावधान है।
लाड़ली बहना में अपात्र होने वाली महिलाओं को उनका पक्ष रखने का दिया जाएगा मौका
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए किए जाने वाले आवेदनों पर आपत्ति की जांच एवं निराकरण 15 दिन में इसको लेकर बनाई गई समिति द्वारा किए जाएंगे। समिति केवल उन्हीं प्रकरणों पर विचार करेगी जिसमें आपत्ति प्राप्त हुई हैं। इसके अतिरिक्त प्राप्त आवेदनों का रेंडम चयन राज्य स्तर पर किया जाकर उनकी पात्रता सम्बंधी विशेष जांच की जा सकेगी। आपत्तियों के परीक्षण के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, सीएमओ नगरीय निकाय, आयुक्त नगर निगम द्वारा इसे पोर्टल/ ऐप पर प्रदर्शित किया जाएगा।
पोर्टल पर अपात्र हितग्राहियों की अलग सूची भी प्रदर्शित की जाएगी। भविष्य में हितग्राही के संबंध में कोई आपत्ति प्राप्त होगी तो उसकी जांच आपत्ति निराकरण समिति द्वारा की जाएगी। जांच में अपात्र मिले तो हितग्राही का नाम हटाने के पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। आपत्ति सही पाए जाने पर ग्राम पंचायत सचिव या वार्ड प्रभारी द्वारा संबंधित हितग्राही का नाम विलोपित किया जा सकेगा।
ग्राम पंचायत क्षेत्र की आपत्तियों के निराकरण के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, क्षेत्र का नायब तहसीलदार एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास की समिति होगी।
नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्र की प्राप्त आपत्तियों के निराकरण के लिए तहसीलदार, सीएमओ एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास की समिति होगी। नगर निगम क्षेत्र की आपत्तियों के निराकरण के लिए आयुक्त नगर निगम, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास की समिति होगी।