भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह एक अद्भुत योजना है। पहले बेटियों को और उनकी शादी को बोझ समझा जाता था। हमने गरीबों की मंशा के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू की। अब बेटियाँ बोझ नहीं वरदान बन गई हैं।

मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को सिंगरौली जिले में योजना के चितरंगी, देवसर और बेढ़न में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जन-प्रतिनिधि, स्व-सहायता समूह की महिलाएँ और वर-वधु पक्ष के परिजन उपस्थित थे। इन सामूहिक विवाह सम्मेलनों में सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत बैढ़न, देवसर एवं चितरंगी के 626 जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने वर-वधु के साथ परिजन को भी बधाई और शुभकामनाएँ दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह एक संस्कार और दो पवित्र आत्माओं का बंधन है। जन्म-जन्म का साथ है। वर-वधु एक दूसरे को आश्वस्त करते हैं कि वे एक- दूसरे का आदर-सम्मान करेंगे, प्रेम से रह कर जीवन व्यतीत करेंगे। उन्होंने कहा कि योजना में पहले हितग्राही को सामग्री दी जाती थी। अब 49 हजार रूपए का चेक दिया जाता है, जिससे वर-वधु अपनी पसंद का सामान खरीद सकें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केवल मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ही नहीं, लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद आज महिलाओं का जवीन आसान बनाने के लिये मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना भी लागू की गई हैं। योजना में उन पात्र बेटियों को भी जोड़ा जायेगा, जिनके विवाह अभी हुए है। इसके अलावा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पंचायत और नगरीय निकायों में आरक्षण तथा महिलाओं के नाम अचल संपत्ति की रजिस्ट्री में विशेष छूट की व्यवस्था की गई है।

ऐतिहासिक है जबेरा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का कार्यक्रम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में जबेरा ने एक नया इतिहास रचा है। इस ऐतिहासिक विवाह कार्यक्रम में एक साथ 726 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बँध रहे हैं। उन्होंने नव-दम्पत्तियों को आशीर्वाद दिया और कहा कि सभी के जीवन में मंगल और कल्याण हो, भगवान उन्हें हर खुशी दे। भारतीय संस्कृति में विवाह दो आत्माओं का पवित्र बंधन है और जन्म-जन्म का साथ है।

मुख्यमंत्री चौहान सोमवार शाम को अपने निवास कार्यालय से दमोह जिले की जनपद पंचायत जबेरा के ग्राम नोहटा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के सामूहिक विवाह सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना में कन्या विवाह सम्मेलन लगातार हो रहे हैं। योजना में 49 हजार रुपये का चेक बेटियों को दिया जाता है, जिससे नव-दम्पत्ति गृहस्थी की जरूरत की सामग्री खरीद सकें। विवाह के बाद पात्रतानुसार बेटियों को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि बेटियाँ बोझ नहीं वरदान बनें, इसके लिए राज्य सरकार ने कई प्रावधान और योजनाएँ संचालित की हैं। बेटियाँ इनका लाभ उठाकर प्रसन्नता के साथ जीवन बिताये। सम्मेलन में क्षेत्रीय विधायक धर्मेंद्र लोधी, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, समाजसेवी पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय, दशरथ जैन, प्रीतम सिंह सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।