रायपुर। दिवाली का त्यौहार भले ही अभी दूर हो, लेकिन छत्तीसगढ़ में BJP किसी सियासी बम के फूटने का इंतजार अभी से कर रही है। इस सियासी बम में आग कब लगेगी और कब इसका शोर सुनाई देगा ये तो कह पाना मुश्किल है, लेकिन मंत्रियों और विधायकों की दूसरी बार दिल्ली दौड़ ने त्यौहार से पहले ही BJP को सियासी मुद्दों का बोनस जरूर दे दिया है। इसे भुनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तब BJP के शुरुआती दो साल ये सोचने में निकल गए कि किन मुद्दों को लेकर सरकार का घेराव किया जाए। पार्टी जब भी कोई मुद्दा उठाती कांग्रेस उनके 15 सालों के घपले–घोटाले उजागर करने लगती। लेकिन, अब बीजेपी ने कांग्रेस के ढाई-ढाई साल का राग अलापना शुरू कर दिया है। शुरू में तो कांग्रेस ने इसे महज अफवाह करार दिया। लेकिन, जैसे–जैसे समय बीतता गया कांग्रेस में घमासान मचने लगा। इससे BJP को हमलावर होने का मौका मिल गया। कांग्रेस के घमासान पर बीजेपी अपना सियासी फायदा देख रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का कहना है कि कांग्रेस की अंतर्कलह का फायदा उनकी पार्टी को जरूर मिलेगा।

इधर कांग्रेस में चल रही खींचतान को पार्टी के नेता कितना भी छिपाने की कोशिश करें, वह अपना नया रास्ता ढूंढकर बार-बार सामने आ रही है। दूसरी बार विधायकों के दौरे को लेकर CM  भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव सहित हर नेता ने सफाई दी, लेकिन लेकिन सवाल अब भी वहीं के वहीं हैं। विपक्ष लगातार इस पर ट्वीट और तंज कस रहा है। हांलाकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना है कि BJP का ध्यान केवल सियासी फायदा ढूढना है। बीजेपी के मंसूबे कभी पूरे नही होंगे। छत्तीसगढ़ में बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहा है। विधायक विक्रम मंडावी और शिशुपाल सोरी भी दिल्ली जाएंगे। एक विधायक ने बताया कि अभी बड़ी संख्या में विधायक दिल्ली दौरे पर जाएंगे। जो विधायक दिल्ली में हैं, उन्हें वापस आने से रोका गया है। सूत्रों के मुताबिक, विधायकों को दिल्ली में रुकने को कहा गया है। आज रात को करीब 10 और विधायक दिल्ली रवाना हो रहे हैं। रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली रवाना होंगे। कुछ और विधायक दिल्ली कूच करेंगे। अभी दिल्ली में करीब 25 विधायक हैं।

छत्तीसगढ़ के सियासी घटनाक्रम पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि CM भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस साहब दोनों ने भी कहा है कि अगर कोई विधायक दिल्ली जाता है, तो कोई मनाही नहीं है। हर कोई चाहता है कि हाईकमान मिले, बात करे। इसमें बुराई क्या है? विधायकों द्वारा हस्ताक्षर युक्त पत्र ले जाने की बात पर कहा कि ऐसा हमारी जानकारी में नहीं है। क्या ले गए, क्या नहीं ले गए, ये विधायक ही बताएंगे। क्या हो रहा, क्या नहीं हो रहा है, ये वे नेता ही बताएंगे, जो दिल्ली गए हैं।”

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