रायपुर। छत्तीसगढ़ में साल 2019 की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में उत्तरपुस्तिकाओं की जांच में लापरवाही बरतने वाले 199 शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ब्लैकलिस्टेड कर दिया है। वहीं ऐसे छात्र जिनके पुनर्मूल्यांकन में 50 से ज्यादा अंक बढ़े हैं, उनकी आंसरशीट जांचने वाले मूल्यांकनकर्ताओं को हमेशा के लिए माशिमं के सभी पारिश्रमिक संबंधित कार्यों से अलग कर दिया गया है। साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ऐसे शिक्षकों की वेतनवृद्धि रोकने की भी अनुशंसा की गई है। इसके अलावा 20 से 40 नंबर बढ़ने पर शिक्षकों को मूल्यांकन और पारिश्रमिक संबंधि कार्यों से तीन साल के लिए अलग कर दिया गया है। माशिमं द्वारा जारी की गई सूची में 199 शिक्षकों के नाम है।
माशिम द्वारा जारी की गई 199 शिक्षकों की लिस्ट में 81 शिक्षक 10वीं बोर्ड और 118 शिक्षक 12वीं बोर्ड के मूल्यांकनकर्ता थे। इनमें 10वीं में 63 शिक्षकों द्वारा की गई जांच में पुनर्मूल्यांकन के बाद 20 से 40 नंबर बढ़े हैं। इसी तरह आठ शिक्षकों की कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन के बाद 41 से 49 और तीन शिक्षकों द्वारा जांची गई आंसरशीट में पुनर्मूल्यांकन के बाद 50 से ज्यादा अंक बढ़े। इसी तरह 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 96 शिक्षकों की जांच के बाद पुनर्मूल्यांकन में 20 से 40 नंबर बढ़े और सात शिक्षकों की कॉपियों में 41 से 49 अंकों की बढ़ोत्तरी हुई। वहीं दो शिक्षकों की तीन आंसरशीट में 50 से ज्यादा नंबर बढ़े हैं। कोरोना काल से पहले साल 2019 की परीक्षा में आंसरशीट की जांच में लापरवाही बरती गई थी। कई छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के बाद आंसरशीट की फोटोकॉपी लेकर जांच कराई जिसमें उनके नंबर बढ़े थे। ऐसे में इसी प्रक्रिया में काफी समय लगा। साथ ही नंबर बढ़ने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा फिर एक बार ये विश्लेषण किया गया कि आखिर लापरवाही कहां बरती गई है और उसके बाद लापरवाह शिक्षकों पर यह कार्रवाई की गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव व्हीके गोयल ने बताया कि पुनर्मूल्यांकन में अगर 20 से ज्यादा अंक बढ़ते हैं तब माशिम द्वारा उसके लिए अलग-अलग प्रावधान किए गए है। उन्हीं नियमों के तहत 199 मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई की गई है।