नई दिल्ली । आयकर विभाग ने एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सुविधा उपलब्ध करा दी है। इसके लिए आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म जारी कर दिए गए हैं। इस बार विभाग ने इनमें कुछ बदलाव किए हैं। इसके तहत करदाताओं को सालभर में प्राप्त नकदी और देश में उनके सभी बैंक खातों का विवरण देना होगा।

ITR-1 (सहज) को ऐसे निवासी व्यक्ति द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिसकी आय ₹50 लाख तक है और जो वेतन, एक गृह संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) और कृषि आय से ₹5,000 तक की आय प्राप्त करता है। ऐसे करदाताओं को आकलन वर्ष 2024-25 के लिए जारी नए आईटीआर फॉर्म में पिछले वित्त वर्ष के दौरान अपने सभी बैंक खातों का विवरण और उनका प्रकार बताया होगा।

वहीं, आईटीआर-4 (सुगम) को वे व्यक्ति, हिंदु अविभाजित परिवार और सीमित देनदारी भागीदारी एलएलपी) वाली कंपनियां भर सकती हैं, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी कमाई कारोबार तथा पेशे से है। इस बार इस फॉर्म में अलग कॉलम जोड़ा गया है, जिसमें सालभर में प्राप्त नकद का विस्तृत ब्योरा देना होगा। पिछले साल इस फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी के लिए अलग कॉलम जोड़ा गया था।

प्रीफिल्ड डाटा को सत्यापित करना होगा: आयकर विभाग के अनुसार, ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म-1 और फॉर्म-4 पहले से भरी जानकारियों के (प्रीफिल्ड डेटा) के साथ उपलब्ध होंगे। विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर आईटीआर फॉर्म पहले से भरे हुए डाटा जैसे कुल आय, कुल बचत और टीडीएस आदि अन्य जानकारियों के साथ आते हैं। करदाता को केवल ऑनलाइन फॉर्म में उपलब्ध जानकारियों को फॉर्म-16, वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और फॉर्म 26एएस के साथ मिलान करना होता है।

इस बार जल्दी उपलब्ध कराए गए फॉर्म :
आमतौर पर आईटीआर फॉर्म मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में जारी किए जाते हैं। पिछले साल फरवरी में जारी हुई थे लेकिन इस साल करदाताओं को जल्दी रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देने के लिए आईटीआर फॉर्म दिसंबर में ही उपलब्ध करा दिए गए हैं।