भोपाल। आबकारी विभाग ने उमरिया जिले में पदस्थ रही जिला आबकारी अधिकारी गुप्ता की पदस्थापना में 48 घंटे में बदलाव कर दिया है। रविवार को जारी आदेश में रिश्वत लेते ट्रेप हुई रिनी गुप्ता को सागर के संभागीय उड़न दस्ते की पदस्थापना से हटाकर आबकारी मुख्यालय ग्वालियर पदस्थ किया गया है। शुक्रवार को जारी आदेश में वाणिज्यिक कर विभाग ने जिला आबकारी अधिकारी उमरिया रिनी को सागर संभागीय उड़न दस्ते में पदस्थ किया था।
इस पदस्थापना के बाद विभाग के अफसर की किरकिरी होने लगी और निलंबन की सजा देने के बजाय कमाई वाली पदस्थापना में भेजने का आरोप कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर लगाया। इसके बाद रविवार को राज्य शासन ने गुप्ता की पदस्थापना में संशोधन करते हुए उसे आबकारी मुख्यालय ग्वालियर में पदस्थ किया है। गौरतलब है कि रिनी गुप्ता चार दिन पहले उमरिया में 1.2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस रीवा द्वारा ट्रेप की गई थी।
कांग्रेस ने फिर कसा तंज
इस पदस्थापना में बदलाव के आदेश के बाद कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने फिर सरकार की कार्यशैली पर तंज कसा है। मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि लगभग 5 करोड़ के आबकारी राजस्व हानि के दोषी अफसर सागर डिप्टी कमिश्नर प्रमोद झा की करतूत पर पर्दा डालने व मामले को हाईलाइट होने से बचाने के लिए उनके कार्यालय में पदस्थ की गई लोकायुक्त मामले में विवादित अफसर रिनी गुप्ता को उनके कार्यालय से हटा कर अब मुख्यालय ग्वालियर भेजा गया।
ऐसा शायद इसलिए किया ताकि मीडिया सहित विपक्ष की आंखों से दूसरे दोषी प्रमोद झा को भी बचाया जा सके ? मिश्रा ने कहा कि 50% कमीशन राज वाले समझें कि रिनी गुप्ता को रिश्वत लेते हुए गिरफ्त में आने के बाद सस्पेंड होना चाहिए, उड़नदस्ते में होना चाहिए या विरोध के बाद मुख्यालय अटैच होना चाहिए।