भिण्ड। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र में चंबल नदी ने भयावह स्थिति निर्मित कर दी हैं। एक ओर चंबल नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है वहीं 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ की चपेट में आ गए है।

चिलोंगा गांव के अंदर चंबल का पानी घुस आया है। गांव का शासकीय माध्यमिक विद्यालय पानी में घिर गया है । लगभग 6-7 फीट पानी विद्यालय भवन को घेरे हुए है। गांव के पुत्तनसिंह ने बताया कि उनके ध्यान में पहली बार चंबल इतने उफान पर आई है।

उधर चिलोंगा गांव के श्री गिरधारी मठ आश्रम को भी चंबल नदी ने पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया है।’ आश्रम के मुख्य मंदिर के अंदर तक पानी पहुंच गया है । आश्रम का कुआं पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गया है। आश्रम पर महंत अवधूत हरी निवास और संत दिलीप दास के अलावा दो अन्य लोग भी रुके हुए हैं । अभी उक्त सभी लोग मंदिर की सबसे ऊपर वाली छत पर आश्रय लिए हुए हैं लेकिन उनको भी खतरा बना हुआ है। अगर चंबल नदी का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो मंदिर भी डूब में आ सकता है तथा चिलोंगा गांव भी डूब की स्थिति में पहुंच सकता है।

तीन साल (वर्ष 2019) का रिकार्ड इस साल चंबल में आए जलप्रवाह ने तोड़ दिया है। नदी किनारे के 2 दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी दाखिल हो गया। घरों के अंदर चार से छह फीट तक पानी भरा होने के कारण लोग छतों पर रहने को मजबूर है। ग्रामीणों ने जल्द बाजी में थोड़ी बहुत गृहस्थी भी छत पर समेट कर रख लिया है। अब खुले आसमान के नीचे जिंदगी की गुजर बसर करने को मजबूर है। हर साल चंबल में आ रही बाढ़ से अब वे गांव छोड़ने का मन बना चुके हैं। इसलिए वे सरकार से बस एक ही मांग कर रहे हैं कि उन्हें कहीं ऊंचे स्थान पर बसा दे।