ग्वालियर। ग्वालियर स्मार्ट सिटी डव्ल्पमेंट कारपोरेशन की यातायात के सुधार के लिये बनाई गई आईटीएमएस योजना अब शहर के लिये सिरदर्द बन गई है। बेतरतीव व बिना प्लांनिंग के थोप दी गई ट्रेफिक लाइटों से पूरा शहर परेशान है, वहीं दो पहिया व चार पहिया वाहन मालिक बुरी तरह परेशान और रोज घर पहुंचते चालानों से लुट रहे हैं। जबकि ट्रेफिक लाइटों को न मानने वाले व ग्वालियर का ट्रेफिक बिगाडने वाले विक्रम ऑटो , लोडर, ई रिक्शों पर कोई कार्रवाई ही नहीं हो पा रही है। आईटीएमएस सिस्टम के बाद पूरे शहर में में जाम के हालात बनने लगे हैं। लेकिन फिर भी आईटीएमएस ट्रेफिक सिस्टम को बंद नहीं किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक स्मार्ट सिटी ग्वालियर ने जिस तरह से बिना प्लानिंग की आईटीएमएस (इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम) को लागू किया है। पूरे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है और अब आम वाहन चालकों को पहले से ज्यादा परेशानी ट्रेफिक में भुगतनी पड रही है। कई मार्गों पर आधे -आधे किलोमीटर में दो से तीन ट्रेफिक लाइटें लगातार फिजूलखर्ची की गई है। जैसे पडाव चौराहे से फूलबाग चौराहा । यहां के वाहन चालक ट्रेफिक नियमों का पालन कर रहे हैं उन्हें ज्यादा ही परेशानी हो रही है। जेब्रा क्रासिंग व स्टाप लाइन पर रूकने के बाद भी उनके धडाधड चालान पहुंच रहे हैं।

जो रूकते नहीं , उनके चालान नहीं

आईटीएमएस सिस्टम की ग्वालियर में सबसे बडी खामी यह है कि जो वाहन चालक ट्रेफिक लाइटों पर ईमानदारी से रूकते हैं और यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं उनके ही चालान मोतीमहल स्थित कंट्रोल कमांड से चालान का ठेका लेने वाली कंपनी के कारिंदे पुलिस के नाम से भेजकर वसूली कर रहे हैं। यदि कोई वाहन चालक इन कर्मचारियों को फोन कर चालान की जानकारी लेकर अपना पक्ष रखता है तो यह स्मार्ट सिटी से ठेका लेने वाले कंपनी के कर्मचारी अपने आपको यातायात पुलिस का कर्मचारी बताकर भयभीत करते हैं।
इसमें भी ध्यान देने वाली बात यह है कि आईटीएमएस ट्रेफिक लाइटों पर यदि कोई लालबत्ती होने पर स्टाप लाइन या जेब्रा क्रासिंग पर रूक जाता है तो उसका चालान भेज दिया जाता है और जो लाल बत्ती होने पर रूकता नहीं है , उसका वाहन आईटीएमएस के कैमरीों में आता ही नहीं है, उसमें उसका चालान जनरेट ही नहीं होता है।