नई दिल्ली । पिछले शुक्रवार केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बैंकिंग नियमों में कुछ बड़े बदलावों को मंजूरी दी है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव बैंक खाते के नॉमिनी को लेकर किया गया है। नया नियम लागू होने से किसी भी बैंक खाते में चार नॉमिनी बनाए जा सकेंगे। संसद में बिल पेश होने के बाद ही इसके बारे में ज्यादा खुलासा होगा।
कुछ समय पहले ही आरबीआई ने खाता खुलवाते समय ही नॉमिनी का नाम भरा जाना अनिवार्य किया था। उससे पहले बिना नॉमिनी के भी खाते खुल सकते थे, क्योंकि फार्म में इस कॉलम को भरा जाना वैकल्पिक था। नॉमिनी के बिना खोले गए खातों की बड़ी संख्या के चलते ही आज देश के बैंकों में 78,000 करोड़ रुपये यूं ही रखे हैं, मगर कोई दावा करने नहीं आता।
इन बदलावों का मकसद ग्राहक को किसी भी तरह की परेशानी से बचाना है। पिछले दिनों जानकारी में आया था कि अलग-अलग बैंकों के खाते में हजारों करोड़ रुपये ऐसे हैं, जिनको लेकर कोई दावेदार नहीं है। इसको लेकर आरबीआई की तरफ से विशेष अभियान भी चलाया गया था। उसके संतोषजनक परिणाम सामने न आने से नियमों बदलाव करने की तैयारी की जा रही है।
अभी का नियम
अभी जब आप बैंक खाता खुलवाते हैं तो आपको एक नॉमिनी का नाम दर्ज करना होता है। इसका मकसद आपकी मृत्यु के बाद खाते में जमा पैसे को उस व्यक्ति को देना होता है। अभी आप इसके लिए एक ही शख्स का नाम नॉमिनी में लिख सकते थे, लेकिन अब केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से दी गई मंजूरी के बाद नए नियम के तहत आप एक से ज्यादा लोगों को अपने खाते में नॉमिनी बना सकेंगे। इसके अलावा, बीमा और हिंदू अविभाजित परिवार खाते की तरह, लगातार और एक साथ नॉमिनी बनाने की सुविधा से संयुक्त खाताधारक और वारिसों को खाताधारक की मौत के बाद पैसा मिल सकेगा।
पीपीएफ में भी मिलेगी सुविधा
सार्वजनिक भविष्य निधि खाते यानी पीपीएफ में भी एक से ज्यादा नॉमिनी तय करना संभव होगा। आरबीआई ने म्यूचुअल फंड और दूसरी वित्तीय कंपनियों को यह आदेश दिया था कि वे दावारहित राशि को उनके सही मालिकों को लौटाएं लेकिन इसके बावजूद मार्च 2024 के अंत तक ऐसा राशि बढ़कर 78,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।
बैंकों ने कई बार ऐसी रकम के दावे निपटाने की कोशिश की थी। इसके अलावा कानून में यह बदलाव करने की भी योजना है कि अगर किसी के पास शेयरों का बोनस या बॉन्ड का पैसा पड़ा है और उसका दावा नहीं किया जाता है तो उसे इन्वेस्टर एजुकेशन प्रोटेक्शन फंड में स्थानांतरित किया जा सके। अभी सिर्फ बैंकों के शेयर ही इस फंड में स्थानांतरित होते हैं।
क्या होगा फायदा
एक नॉमिनी का होना भी वैसे तो काफी है, मगर कई बार परिस्थितियां उलझ भी जाती हैं। उदाहरण के लिए एक पति ने अपनी पत्नी को, या पत्नी ने केवल अपने पति को नॉमिनी बनाया है। कार से या बाइक से कहीं जाते समय एक्सीडेंट में अगर दोनों की मृत्यु हो जाए तो क्लेम करने वाला कोई नहीं रहेगा। ऐसे में उनका पूरा पैसा दावारहित ही रह जाएगा। यदि एक से अधिक नॉमिनी होंगे तो राशि दावारहित नहीं रहेगा।
दो तरह से होता है नॉमिनेशन
1. क्रमिक नामांकन
इसमें क्रम से अलग-अलग नॉमिनी होजे हैं जैसे कि पहला नॉमिनी-क है तो दूसरा -ख। इस स्थिति में दावे का पहला अधिकार क के पास होता है, क्योंकि वही प्राथमिक नॉमिनी है। यदि किसी स्थिति में प्राथमिक नॉमिनी भी दावा नहीं करता है तो क्रम में दूसरा नॉमिनी राशि के लिए दावा कर सकता है। इसमें फंड लेते समय नामित व्यक्ति का मौजूद रहना जरूरी होता है।
2. कई व्यक्तियों का नामांकन
यह तरीका एक ही समय में कई व्यक्तियों को नॉमिनी बनाने की अनुमति देता है। प्रत्येक नामांकित व्यक्ति राशि में से अपने हिस्से का दावा कर सकता है। यह संयुक्त खाताधारकों के लिए या जब कोई खाताधारक कई लोगों के बीच फंड्स को बांटता है तो महत्वपूर्ण होता है।