ग्वालियर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच सही दिशा में कर रही है, जबकि मध्यप्रदेश का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने इसमें आरोपियों को बचाने का प्रयास किया था।
सिंह आज यहां अपने अल्प प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। सिंह ने एसटीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापमं परीक्षा में जो बच्चे सिलेक्ट हुए और उनके परिजनों को बचाने और केस में नहीं फंसाने के लिए करोडों रुपए की रिश्वत ली है।उन्होंने कहा कि हरियाणा में ऐसे ही शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को आरोपी बनाया और आज वह सजा काट रहे हैं।
यह पूछने पर कि सीबीआई के आने के बाद से केस दब सा गया है, उन्होंने कहा कि एसटीएफ ने तो एक्सेल शीट पर नाम बदले। वहीं पेन ड्राइव सहित अन्य दस्तावेजों से छेड़छाड़ टेम्परिंग की एफआईआर आज तक नहीं लिखी। अब केस सीबीआई के हाथ में है और वह सही ढंग से जांच कर सारा सच सामने लाएगी।
सिंह ने कहा कि उम्रबंधन का जो फार्मूला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बनाया है वह ठीक नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि केरल से विधायक को 86 की उम्र में टिकट देना, बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मंत्रिमंडल से निकालना और लगभग उसी उम्र की कुसुम मेहदेले को नहीं हटाना, यह राजनीति ही है।
पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर से कांग्रेस जनों की भेंट और उनके कांग्रेस में आने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि यह एक मजाक है।
गौर कर्मठ भाजपा कार्यकर्ता रहे हैं।वह पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं और रहेंगे।

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