पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ के महाघोटाला में घिरी मोदी सरकार ने आरोपियों की घेराबंदी और तेज कर दी है। विदेश मंत्रालय ने मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए। उनका पता लगाने व गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई ने इंटरपोल से मदद मांगी है।
विदेश मंत्रालय ने मोदी व चौकसी के पासपोर्ट चार हफ्ते के लिए सस्पेंड किए हैं। उनसे एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है, यदि उन्होंने जवाब नहीं दिया तो उक्त पासपोर्ट रद्द कर दिए जाएंगे। ईडी ने दोनों को एक हफ्ते में पेश होने का समन भी जारी कर दिए हैं।
सीबीआई ने उम्मीद जताई कि आरोपियों की लोकेशन जल्द पता चल जाएगी। सीबीआई ने मोदी, उनकी पत्नी एमी व बिजनेस पार्टनर मेहुल चौकसी के खिलाफ इंटरपोल का “डिफ्यूजन नोटिस” जारी किया है। यह नोटिस इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय पुलिस) के सदस्य देशों में किसी व्यक्ति का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने के लिए जारी किया जाता है। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ 29 जनवरी को लुकआउट नोटिस जारी किया था, लेकिन ये जनवरी के पहले हफ्ते में ही देश छोड़कर जा चुके थे।
शुक्रवार को नीरव मोदी व चौकसी के 61 ठिकानों पर ईडी व सीबीआई ने छापे मारे। पीएनबी की 13 फरवरी को मिली नई शिकायत के बाद सीबीआई ने गुरुवार देर शाम चौकसी, उसकी तीन कंपनियों, इन कंपनियों के निदेशकों और दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की।
इसके बाद शुक्रवार को सीबीआई ने चौकसी और नीरव मोदी के 26 ठिकानों पर छापा मारा। जबकि सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए ईडी ने भी 35 जगहों पर तलाशी ली।
549 करोड़ की संपत्ति जब्त
छापे के दौरान ईडी ने शुक्रवार को 549 करोड़ रुपए बुक वैल्यू की ज्वेलरी, सोना, हीरे और जब्त किए। इस तरह कुल जब्त अचल संपत्तियों की बुक वैल्यू 5649 करोड़ रुपए पहुंच गई है। 5100 करोड़ रुपए की चल संपत्ति ईडी ने गुरुवार को जब्त की थी।
ईडी ने नीरव मोदी के विदेश स्थित चार शोरूमों में बिक्री बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। नीरव मोदी के मुंबई स्थित हेड ऑफिस से न्यूयॉर्क, लंदन, मकाऊ और बीजिंग स्थित शोरूम को निर्देश जारी करवाया गया है कि इनमें एक भी सामान नहीं बेचा जाए।
पीएनबी अफसरों से पूछताछ
सीबीआई की टीम पीएनबी के चार अधिकारियों से दिनभर पूछताछ करती है। इनमें नरीमन प्वाइंट स्थित ब्रांच में फरवरी 2015 से अक्टूबर 2017 के बीच मुख्य प्रबंधक रहे बेचू तिवारी, ब्राडी हाउस ब्रांच में मई 2016 से मई 2017 के बीच सहायक महाप्रबंधक रहे संजय कुमार प्रसाद, जोनल ऑडिट ऑफिस में मई 2015 से जुलाई 2017 के बीच कॉनकरेंट ऑडिटर रहे और अभी मुख्य प्रबंधक मोहिंदर कुमार शर्मा के साथ-साथ नवंबर 2014 से दिसंबर 2017 तक एसडब्ल्यूओ रहे मनोज खराट शाामिल हैं।
उधर, पीएनबी ने अपने एक महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी समेत आठ और अफसरों को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। ये भी घोटाले में लिप्त पाए गए हैं। इससे पहले बुधवार को 10 अफसर सस्पेंड किए गए थे। पीएनबी इस मामले में दूसरी सभी बैंकों की फंसी राशि 31 मार्च तक अपने आंतरिक स्रोत से चुकाएगी।
खुलने लगी घोटाले की परतें
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 11,400 करोड़ रुपए के कुल घोटाले में चौकसी की तीन कंपनियों को कुल 4886 करोड़ रुपए के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) जारी किए थे। बाकी की रकम के एलओयू नीरव मोदी की कंपनियों को जारी किए गए थे।
कोर बैंकिंग में नहीं होती थी एंट्री
आरोपियों का कारोबार करने का तरीका बड़ा ही शातिराना था। एक बार एलसी और एलओयू जारी करने के बाद वे उनकी मियाद खत्म होने के ठीक पहले नया एलओयू और एलसी जारी करा लेते थे। यानी बैंक का पैसा ही बैंक में घुमाते रहते थे। कोर बैंकिंग सिस्टम में इस रकम को चढ़ाया (एंट्री) ही नहीं जाता था। इसी कारण पीएनबी को सात साल तक घोटाले की भनक नहीं लगी।
आयकर ने जब्त की नीरव की 29 संपत्तियां, 105 खाते
आयकर विभाग ने भी शुक्रवार को नीरव मोदी पर शिकंजा कस दिया। उसकी 29 संपत्तियों और 105 बैंक खातों को अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया। विभाग ने विदेश में संपत्ति रखने पर मोदी के खिलाफ कालेधन विरोधी नए कानून में केस दर्ज कर लिया है।
नए कानून में अघोषित संपत्ति पर 120 फीसदी टैक्स व पेनल्टी के साथ 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। 150 शेल कंपनियों की पहचानसरकार ने नीरव मोदी, उसके संबंधियों और सहयोगियों से जुड़ी करीब 150 शेल (मुखौटा) कंपनियों की पहचान की है। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है।
राहुल ने बताया नया फॉर्मूला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए “हैशटैगमोदीरॉब्सइंडिया” से ट्वीट करते हुए घोटालेबाजों के भागने का नया फॉर्मूला बताया-“”ल (मो)+ नी (मो) के साथ न (मो) द भा (गो)””। उन्होंने लगातार दूसरे दिन इसे विजय माल्या व ललित मोदी मामले से जोड़ा।
30 हजार करोड़ का घोटाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यदि घोटाले की सभी परतें खोली जाएंगी, तो यह 30,000 करोड़ का निकलेगा। उन्होंने तंज करते हुए मोदी सरकार ने “उड़ान” योजना को नई परिभाषा देते हुए कहा इसमें “हर घोटालेबाज बिना रोकटोक के देश से भाग सकता है।”
संप्रग सरकार चेत जाती तो 50 गुना नहीं होता घोटाला
इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक दिनेश दुबे ने दावा किया है कि घोटाला 2013 से चल रहा है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन संप्रग सरकार घोटाले को लेकर चेत जाती तो आज यह 10 गुना से बढ़कर 50 गुना नहीं होता।