बर्न। ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) के मरीजों में कैंसर कोशिकाएं खून के जरिये आसानी से दूसरे अंगों में पहुंच जाती हैं। दरअसल, सोते समय इन मरीजों के शरीर में ट्यूमर सक्रिय होता है। इसी के सहारे ये शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचकर गांठों के रूप में पनपने लगती हैं।

यही कारण है कि एक जगह पर टयूमर खत्म होने के बाद भी दूसरी जगह इनके बनने की संभावना रहती है। वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए एक शोध में यह दावा किया है। स्विट्जरलैंड (Switzerland) के ज्यूरिक स्थित स्विस फेडेरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कैंसर बायोलॉजिस्ट और शोधकर्ताओं (biologists and researchers) में से एक निकोल एक्टो के मुताबिक, कैंसर कोशिकाएं दोपहर के मुकाबले रात में अधिक सक्रिय रहती हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, शरीर में आंतरिक घड़ी होती है, जो जीन से नियंत्रित होती हैं। इससे शरीर में होने वाली प्रक्रियाओं का पता चलता है। इसमें मेटाबॉलिज्म (metabolism) व नींद भी शामिल है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि कैंसर की कोशिकाएं इतनी मैच्योर होती हैं उन्हें बॉडी क्लॉक से फर्क नहीं पड़ता।

अन्य कैंसर के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर में आशंका अधिक
अन्य कैंसर के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर में ऐसी कोशिकाएं अधिक होती हैं। कैंसर की ये कोशिकाएं (cells) जब खून में पहुंचती हैं तो दूसरे अंगों में भी ट्यूमर बनाने में देर नहीं लगाती। इसे ‘मेटास्टैसिस’ प्रक्रिया कहते हैं। ‘द नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक

30 महिलाओं पर हुआ परीक्षण
सुबह 4 बजे और 10 बजे खून के नमूने लिए गए। जांच में पता चला कि सुबह 4 बजे वाले नमूने में 80% सीटीसी लेवल बढ़े हुए थे। यानी सुबह के समय कैंसर कोशिकाएं उस समय बढ़ रही थी जब लोग सो रहे थे।

क्या कहते हैं शोधकर्ता
कैंसर को ट्रैक करते समय सावधानी बरतनी होगी। दिन में खून के नमूने लेने पर हो सकता है कैंसर की कोशिकाएं पकड़ में न आएं। डॉक्टर इसके लिए सीटीसी स्तर की जांच करते हैं, इससे पता चलता है कि कैंसर कोशिकाओं से ट्यूमर बना है या नहीं।