जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में 20 जुलाई को एक तांत्रिक की बेहरहमी से हत्या कर दी गई थी. तांत्रिक के भाई ने 24 जुलाई को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस तभी से केस की तफ्तीश में जुटी हुई थी. अब पुलिस ने पूरे मामले को सुलझा लिया है. तांत्रिक की हत्या एक परिवार ने की थी. क्योंकि तांत्रिक, झाड़-फूंक के बहाने उनके परिवार की महिला से छेडछाड़ कर रहा था. महिला को काफी दिन तक तांत्रिक ने परेशान किया. जब परिवार तो ये बात पता चली तो उन्होंने तांत्रिक को मार डाला.

24 जुलाई को कमलेश पटेल ने संजीवनी नगर थाने में अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस को बताया कि उसका भाई हलधर पटेल उर्फ बसोरी एक तांत्रिक है. 20 जुलाई को वह नेपाल के लिए निकला था, लेकिन तभी से लापता है. उसका मोबाइल भी बंद है. कमलेश ने बताया कि हलधर सांई कॉलोनी में रहने वाले विश्वकर्मा परिवार के साथ नेपाल जा रहा था. इसलिए उसके गायब होने में उनका हाथ हो सकता है.

पुलिस ने इस जानकारी के बाद विश्वकर्मा परिवार के मोबाइल सर्विलांस पर ले लिए. उनके घर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. तांत्रिक की हत्या होने और इसमें विश्वकर्मा परिवार के शामिल होने की पुष्टि होने के बाद 13 अगस्त को 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. एक आरोपी के नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह भेजा है. लेकिन तांत्रिक की लाश अभी तक बरामद नहीं की जा सकी है.

जानकारी के मुताबिक, जबलपुर के सांई नगर में रहने वाले राजा विश्वकर्मा प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. एक साल से उनकी पत्नी सुमन की तबीयत खराब थी. इलाज कराने के बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ. सुमन को लगा कि उस पर किसी ने तंत्र क्रिया की है. जब परिवार वालों से उसने ये बात शेयर की तो एक रिश्तेदार ने उसे तांत्रिक हलधर के बारे में बताया. कहा कि तंत्र-मंत्र से वो उसकी बीमारी ठीक कर सकता है.

सुमन घरवालों को बिन बताए जुलाई के पहले सप्ताह में तांत्रिक के घर पहुंच गई. उसे अपनी परेशानी के बारे में बताया. तांत्रिक ने उससे झाड़-फूंक कराने के लिए कहा. तांत्रिक हलधर पटेल ने सुमन से कहा कि जब वो तंत्र क्रिया करेगा, उस वक्त उन दोनों के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति नहीं होना चाहिए. तभी इसका फायदा होगा. सुमन इसके लिए राजी हो गई.

सुमन अपना इलाज कराने के लिए घरवालों को बिन बताए रोज तांत्रिक हलधर के घर जाने लगी. तांत्रिक ने अपनी फीस लेकर 5 जुलाई से झाड़-फूंक शुरू कर दी. तांत्रिक कुछ दिन तो सुमन को सामने बैठाकर तंत्र क्रिया करता रहा, फिर अपने पास बैठाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे बेड टच करने लगा. बीच-बीच में सुमन के घर आकर भी उसने तंत्र क्रिया की. पहले तो सुमन को लगा कि तांत्रिक ये सब उसकी बेहतरी के लिए कर रहा है. लेकिन 16 जुलाई को जब तांत्रिक ने हद पार कर दी तो सुमन ने उसके घर जाना बंद कर दिया.

सुमन ने जब तांत्रिक के घर जाना बंद कर दिया तो वह भड़क गया. उसने सुमन को धमकी दी कि पूजा अधूरी छोड़ी तो परिवार पर बड़ा संकट आ जाएगा. इसके बावजूद सुमन नहीं मानी. तांत्रिक ने फोन करके परिवार में किसी की मौत होने की धमकी दी. तांत्रिक की बात सुनकर सुमन डर गई. उसने तांत्रिक से कहा कि वो उसके घर आने के लिए तैयार है. लेकिन उसे दूर बैठकर ही पूजा करानी होगी. तांत्रिक ने कहा कि इस तरीके से सुमन के ठीक होने में बहुत ज्यादा समय लग जाएगा.

परेशान होकर सुमन ने 17 जुलाई को पूरी बात अपने पति राजा विश्वकर्मा को बता दी. राजा ने सुमन पर ही गुस्सा उतारा. घर में हो रही कलह से ये बात बेटी हेमानाथ और 17 वर्षीय नाबालिग बेटे को पता चल गई. टेंशन खत्म करने के लिए सभी ने तांत्रिक की हत्या का प्लान बनाया. इसमें राजा ने अपने दोस्त आशीष सोनी को भी शामिल कर लिया. 19 जुलाई की शाम को सुमन का पति राजा तांत्रिक हलधर के घर पहुंचा. उससे नेपाल के एक मंदिर चलने के लिए कहा. हलधर तैयार हो गया. उसने अपने भाई कमलेश को भी नेपाल जाने की बात बताई.

20 जुलाई की शाम को करीब 5 बजे राजा अपनी कार से पत्नी, बेटी और तांत्रिक के साथ नेपाल के लिए रवाना हुआ. तिलवारा थाना इलाके के सगड़ा के पास से आशीष और राजा का नाबालिग बेटा भी कार में सवार हो गए. कार राजा का बेटा चला कर रहा था. बगल में तांत्रिक हलधर बैठा था. उनके पीछे वाली सीट पर राजा और आशीष थे. सभी लोग जबलपुर से बरगी पहुंचे. वहां एक ढाबे पर खाना खायाधू मा होते हुए जैसे ही कार चरगवां के पास पहुंची, पीछे बैठे राजा ने तांत्रिक के गले में चाकू मार दिया. राजा के बेटे ने एक पुल के पास गाड़ी रोक दी, यहां राजा ने चाकू से तांत्रिक को गोदकर मार डाला.

इस दौरान नाबालिग बेटा और आशीष रस्सी से तांत्रिक का गला दबाए रहे. जब यकीन हो गया कि तांत्रिक मर चुका है तो उसे जुनेज नदी के पुल से नीचे फेंक दिया. इसके बाद सभी कार से तिलवारा के पास नहर पर आ गए. यहां राजा, आशीष और नाबालिग ने अपने कपड़े उतारकर नहर में फेंक दिए. कार में लगे खून को शराब से धोया. तांत्रिक का मोबाइल आशीष ने रख लिया. इसके बाद घर लौट गए.