भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी दफ्तर में चुनावी बैठक के दौरान अपने मंत्रियों और पार्टी के सभी पदाधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि वे सब स्वागत सत्कार से दूर रहें, उनका मूल काम क्या है, वे उसको समझे, समय बहुत कम है, जरूरी यह है कि वे इस समय का उपयोग पार्टी को मजबूत करने में लगाएं। उन्होंने कहा कि वे कल इंदौर गए थे, जहां कई मंच लगे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के मामले बहुत सेंसेटिव होते हैं, हमको यह देखना होगा कि हम इनका दिल कैसे जीत सकें। उसके सारे प्रयास करने होंगे। पार्टी और सरकार को इन वर्गों में अपने काम और बढ़ाना होगा।
सीएम ने कहा कि सरकार ने हर काम में संगठन की भागीदारी रखने का निर्णय लिया है। इसीलिए क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी, वैक्सीनेशन अभियान और अन्न उत्सव अभियान सभी कार्यक्रमों में भाजपा कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है, ताकि वे क्षेत्र में अपनी बातें जनता के बीच रख सकें। कार्यकर्ताओं को इसका आनंद लेना है, यह आनंद ट्रांसफर-पोस्टिंग में नहीं जनभागीदारी के काम में होगा।
मुख्यमंत्री ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वे अभी बीजेपी दफ्तर आ रहे थे। मेरे आगे एक नेता जी चल रहे थे, (नाम नहीं बताऊंगा), उनके साथ में उनका सुपुत्र भी था। उनके समर्थक जमकर नारेबाजी कर रहे थे, वे अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझ रहे थे। यह सब ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोग तो स्वागत सत्कार में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे अपना मूल काम भूलकर अन्य कामों में लग जाते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूर्व सीएम कमलनाथ पहले कांग्रेस को संभाल लें। अपना घर संभाल लें, इसके बाद कर्मचारियों को धमकाने का काम करें। अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकी देना अलोकतांत्रिक है। कांग्रेस में हर जगह स्थिति खराब है। अभी छग के कांग्रेस विधायक दिल्ली में परेड कर रहे हैं। पहले कांग्रेस उन्हें देखे। हमारे कर्मचारी अधिकारी कर्तव्यनिष्ठ हैं। सीएम चौहान ने ये बातें प्रदेश भाजपा कार्यालय में पूर्व सीएम नाथ द्वारा दिए गए उस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहीं, जिसमें नाथ ने कहा था कि कर्मचारी अधिकारी भाजपा का बिल्ला लगाकर घूम रहे हैं।
गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिल्ला और पट्टा तो कांग्रेस की ही संस्कृति है। आप जिस तरह बार-बार कर्मचारियों को धमका रहे है, वह ठीक बात नहीं है। कर्मचारियों- अधिकारियों की कानून के दायरे में काम करने की सीमा है, वह उसी में काम करता है। नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ओबीसी आरक्षण पर कहा, इस संबंध में महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने जो राय दी है, सरकार उसका परीक्षण करेगी, उसमें जो भी संभव हो सकेगा किया जाएगा।