सुबह से हजारों यात्री बस स्टैंड्स पर परेशान, नए कानून के खिलाफ हड़ताल पर उतरे बस ड्राइवर्स
इंदौर। साल की पहली सुबह ही बस यात्रियों के लिए बुरी रही। इंदौर (Indore) सहित पूरे प्रदेश में सुबह से बसों की हड़ताल है। बस ड्राइवर्स हिट एंड रन (hit and run) के नए कानून (New Law) के विरोध में हड़ताल पर उतर गए हैं। जो कुछ बसें चल रही थी उन्हें भी रोकने के लिए गंगवाल बस स्टैंड पर बस ड्राइवर ने बसों को सड़क पर आड़ी खड़ी कर चक्काजाम भी कर दिया। इसके कारण इंदौर सहित पूरे प्रदेश में बस यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बस ड्राइवर्स का कहना है कि हड़ताल 3 जनवरी तक जारी रहेगी, मांगें नहीं मानी जाने पर आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में आईपीसी में किए गए बदलाव में रोड एक्सीडेंट के मामलों में भागने पर ड्राइवर के खिलाफ 5 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया है। ड्राइवर्स से लेकर बस और ट्रांसपोर्ट संचालक खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर 1 जनवरी से बसों का संचालन रोकने जैसे मैसेज भी चल रहे थे, लेकिन इंदौर में किसी बस संगठन ने ऐसी घोषणा नहीं की थी। लेकिन आज सुबह अचानक बस ड्राइवर्स ने बसों की हड़ताल की घोषणा कर दी। बताया गया कि इंदौर में इस आंदोलन को धार की यूनियन के आदेश के बाद आगे बढ़ाया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन समझाइश के लिए पहुंचा
ुबह गंगवाल बस स्टैंड पर ज्यादातर बसों का संचालन बंद रहा। जब कुछ मोटर मालिकों के दबाव में बस ड्राइवर्स बस संचालित करने उतरे तो हड़ताल कर रहे बस ड्राइवर्स ने सड़क पर बसों को आड़ा खड़ाकर पूरा रास्ता बंद कर दिया। बस ड्राइवर्स का कहना था कि बसों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी यहां पहुंचे और समझाइश दी। इसके बाद बसों ने आम वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया, लेकिन बसों का संचालन बंद रखा।
3 जनवरी तक जारी रहेगी हड़ताल
प्रदेश में हड़ताल का नेतृत्व ऑनेस्ट बस ड्राइवर्स एसोसिशन द्वारा किया जा रहा है। इसके अध्यक्ष धार के सईद खान हैं। खाने ने बताया कि केंद्र सरकार ना सिर्फ बस ड्राइवर्स बल्कि दो पहिया से लेकर बड़ी बसें और ट्रक तक चलाने वाले हर चालक के खिलाफ यह कानून लाई है। कानून में कहा गया है कि एक्सीडेंट के बाद चालक घायल व्यक्ति को अस्पताल या पुलिस थाने ले जाएगा। लेकिन अकसर एक्सीडेंट के बाद भीड़ उग्र हो जाती है और चालक को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है। अगर वह वहां रुकेगा तो उसकी जान को खतरा है। वहीं अगर भाग गया तो नए कानून में इसे 5 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। हम बस ड्राइवर्स इसका विरोध जनजागरण के लिए कर रहे हैं, क्योंकि इस कानून का नुकसान तो हर वाहन चालक को उठाना पड़ेगा। इसके लिए कुछ केंद्रीय यूनियन के मार्गदर्शन में हम हड़ताल कर रहे हैं। अगर सरकार इसे कानून को वापस नहीं लेती है तो 3 जनवरी तक हड़ताल जारी रहेगी। इसके बाद भी सरकार नहीं मानती है तो आगे भी आंदोलन जारी रहेंगे।
मांगलिया टोल पर भी बसों का रास्ता रोका, सभी बस स्टैंड पर यात्री बेहाल
इंदौर के सभी बस स्टैंड्स पर सुबह से ही सभी बसों का संचालन पूरी तरह से बंद रहा, यही हाल आसपास के जिलों का भी रहा। एआईसीटीएसएल की भी कुछ बसें जब सुबह यात्रियों को लेकर निकली तो मांगलिया टोल पर विरोध कर रहे बस ड्राइवर्स ने बसों को आड़ा खड़ाकर रास्ता रोक दिया। बड़ी मुश्किल से कुछ बसें निकल पाई। इसके बाद एआईसीटीएसएल की भी सभी बसें बंद कर दी गई।