बुरहानपुर। प्रदेश सरकार ने बुरहानपुर नगर पालिका आयुक्त भगवानदास भुमरकर को सस्पेंड कर दिया है। भुमरकर पर लापरवाही बरतने और अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है, इसी के चलते उन पर यह कार्रवाई की गई है। भुमरकर अपने साथ निगम के कर्मचारियों को अपने बॉडीगार्ड की तरह रखते थे। अब भुमरकर भोपाल स्थित नगरीय प्रशासन एवं विकास के मुख्यालय में निलंबन अवधि पूरी करेंगे।
नगर पालिका आयुक्त पर आरोप था कि वह अधिकांश समय मुख्यालय से बाहर रहते हैं और बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ देते हैं। साथ ही दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना को शुरू करने में भी नगर पालिका आयुक्त ने कोई रूचि नहीं ली, जिसके चलते योजना में देरी हुई। प्रधानमंत्री वेंडर योजना के क्रियान्वयन में भी ध्यान नहीं देने का आरोप है।
नगर पालिका निगम, बुरहानपुर ODF++ योजना में फेल हो गया, जिसके कारण री-सर्टिफिकेशन कराना पड़ा। इस मामले में भी नगर पालिका आयुक्त की लापरवाही सामने आई। नगर पालिका आयुक्त के नेतृत्व में बुरहानपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में भी पिछड़ गया।
भुमरकर पर संपत्ति कर वसूली पर भी कोई ध्यान नहीं देने का आरोप है। साथ ही उनके द्वारा टैक्स की वसूली के संबंध में भी कोई रणनीति तैयार नहीं की गई। साथ ही शहर में स्ट्रीट लाइट, ट्रैफिक सिग्नल की भी हालत खराब है। कोरोना की जांच में भी नगर पालिका आयुक्त की लापरवाही सामने आई है।
भुमरकर अपनी कार्यशैली को लेकर भी चर्चा में रहे। वे रोजाना सुबह 6 बजे शहर की सफाई व्यवस्था देखने के लिए बुलेट पर निकलते थे और इस दौरान निगम के कर्मचारियों को वह काले कपड़े पहनाकर बॉडीगार्ड की तरह अपने साथ रखते थे। कलेक्टर का कहना है कि कई बार समझाने और कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भी भुमरकर ने कोई सुधार नहीं किया।