जबलपुर. मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही माफिया व गुंडों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. यूपी की तरह ही एमपी में भी माफियाओं की अवैध प्रॉपर्टी को ढहाया जा रहा है. ताजा मामला जबलपुर से जुड़ा है. जबलपुर प्रशासन ने बुधवार की सुबह बड़ी कार्रवाई की. पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने आज सुबह निगरानी शुदा बदमाश पप्पू अकील व शकील के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया. जबलपुर के रद्दी चौकी पर अवैध रूप से लगभग 11 हजार वर्गफुट में भवन का निर्माण माफियाओं द्वारा किया गया था. इस कब्जे पर कार्रवाई की गई है.
पुलिस प्रशासन की टीम ने माफिया अकली व शकील द्वारा अवैध रूप से निर्मित 4 दुकान व गोदाम को ध्वस्त करने की कार्रवाई सुबह से शुरू की. भूमि और अवैध निर्माण की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. मौके पर जिला प्रशासन की टीम सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में भी गैंगस्टर विकास दुबे, माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य गुंडे बदमाशों के अवैध कब्जों पर प्रशासन ने इसी तरह की कार्रवाई पिछले कुछ महीनों में की है.
मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह करीब 6 बजे से ही जिला प्रशासन का अमला और पुलिस के आला अधिकारी रद्दी चौकी स्थित अवैध रूप से बनाए गए 11000 वर्ग फीट के निर्मित भवन को तोड़ने दल बल के साथ पहुंचे थे. अमले ने पाया कि माफिया अकील और शकील द्वारा 11000 वर्ग फिट जेडीए की शासकीय भूमि में 6000 वर्ग फीट में कबाड़ की फैक्ट्री संचालित हो रही थी. जबकि शेष 5000 वर्ग फीट पर शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण जारी था. इसके अतिरिक्त माफिया अकील द्वारा चार दुकानों का निर्माण भी किया गया था, जिसे ध्वस्त किया गया. नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त रूप से की गई. इस कार्रवाई में चंद घंटों की मेहनत में ही 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की संपत्ति को कब्जे से मुक्त कराया गया है.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक आरोपी अकील पर अलग-अलग थानों में कुल 18 जघन्य अपराध दर्ज हैं, जिसे कुख्यात हिस्ट्रीशीटर भी कहा जाता है. यह सभी अपराध आरोपी द्वारा हनुमान ताल थाना अंतर्गत कारित 1 किए गए हैं. आरोपी अकील पर आर्म्स एक्ट ,एक्सप्लोसिव एक्ट, एमपी स्टेट सिक्योरिटी एक्ट, हत्या समेत दर्जनभर धाराओं के तहत अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं. कार्रवाई के दौरान अधारताल एसडीएम नमः शिवाय अर्जरिया, नायब तहसीलदार संदीप कुमार जयसवाल, सीएसपी आधारताल और नगर निगम के अतिक्रमण दल के सदस्य और भारी पुलिस बल मौजूद रहा.