लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की बड़ी भूमिका को भांपते हुये कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने खुद को आधी आबादी का सबसे बड़ा शुभचिंतक होने का दावा किया है।

मायावती ने बुधवार को महिला सशक्तिकरण के प्रति कांग्रेस और भाजपा पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुये कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिये 33 फीसदी आरक्षण का मामला वर्षों तक लंबित रहना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। 

  उन्होने ट्वीट किया कि देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है किन्तु वे अभी भी काफी अधिकारों से वंचित हैं, जबकि उन्हें कानूनी अधिकार देकर सशक्त बनाने हेतु परमपूज्य बाबा साहेब अम्बेडकर का काफी योगदान रहा है और अब बीएसपी उन्हीं के नक्शेकदम पर चलने वाली पार्टी है। मायावती ने कहा ‘‘ कांग्रेस व भाजपा आदि की महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति लगभग एक जैसी ही धारणा है व इनका रवैया ज्यादातर दिखावटी ही होता है जबकि बीएसपी सरकार में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक आत्मनिर्भरता हेतु काफी प्रयास किए, जिन्हीं को अब विरोधी पार्टियाँ भुना रहीं हैं।’’

उन्होने कहा ‘‘  महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने में कांग्रेस की तरह भाजपा भी गंभीर नहीं है। लोकसभा व विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का मामला वर्षों से लम्बित पड़ा होना इसका जीता-जागता प्रमाण है तथा इनका यह आरक्षण जरूर लागू होना चाहिए, बीएसपी की यह माँग है।’’ 

    गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने चुनाव अभियान की शुरूआत महिलाओं पर केन्द्रित कर की थी जबकि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज में महिला स्वयं सहायता समूहों की 16 लाख महिला सदस्यों के बैंक खाते में रुपये 1,000 करोड़ की धनराशि अंतरित करते हुए उन्हे आत्मनिर्भर भारत की चैंपियन कहा था।