गांधीनगर। गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की विज्ञान और सामान्य संकाय की इस वर्ष की वार्षिक परीक्षाएं पूर्व पद्धति के अनुसार आगामी एक जुलाई से आयोजित करने का आज निर्णय लिया। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में राज्य में कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात में कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा और शिक्षा राज्य मंत्री विभावरीबेन दवे ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 12वीं विज्ञान संकाय के करीब 140000 और सामान्य संकाय के 543000 विद्यार्थियों सहित कुल 683000 विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। इसे कोविड-19 प्रोटोकॉल के सख्त पालन के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह परीक्षा हर वर्ष की स्थापित प्रणाली के अनुसार आयोजित होगी। जिसके अंतर्गत विज्ञान संकाय भाग-1 की 50 अंकों की परीक्षा ओएमआर शीट पर मल्टी च्वाइस क्वेश्चन (एमसीक्यू) यानी बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगी जबकि भाग-2 की 50 अंकों की परीक्षा वर्णनात्मक लिखित स्वरूप की होगी। परीक्षा के लिए 3 घंटे दिए जाएंगे। इसी तरह, कक्षा 12वीं सामान्य संकाय में प्रति वर्ष की स्थापित प्रणाली के अनुसार 100 अंकों की वर्णनात्मक लिखित स्वरूप की 3 घंटे की परीक्षा आयोजित की जाएगी। श्री चूड़ास्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें, मास्क का अनिवार्य तौर पर उपयोग करें और परीक्षा केंद्रों पर सैनिटाइजर और थर्मल गन सहित कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के दिशा-निर्देशों का पालन हो। कोरोना के मद्देनजÞर विद्यार्थियों को कोरोना के इस कठिन समय में उनके स्कूल के आसपास ही परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय भी सरकार ने किया है।
जिन तहसीलों में परीक्षार्थियों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध होगी और यदि परीक्षा केंद्र नहीं होगा, तो वहां भी शुरू किए जाएंगे। विज्ञान और सामान्य संकाय की दोनों परीक्षा कक्ष में अधिकतम 20 विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। जो विद्यार्थी कोरोना संक्रमण के कारण अनुपस्थित रहते हैं या परीक्षा के दौरान कोरोना संबंधित या अन्य अनिवार्य कारणों से अनुपस्थित रहते हैं, वैसे विद्यार्थियों के लिए मूल परीक्षा के 25 दिनों बाद सभी विषयों की फिर से नई समय सारिणी और नए प्रश्न पत्रों के साथ परीक्षा आयोजित की जाएगी।