भोपाल। प्रदेश भाजपा पार्टी नेताओं के बेलगाम होने और पार्टी के फैसलों के खिलाफ जाने वाले नेताओं की सूची तैयार करा रही है। ऐसे नेता खासतौर पर पिछले माह हुए नगर निकाय चुनाव और जिला पंचायत व जनपद पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान पार्टी के सामने बेनकाब हुए हैं। संगठन में अनुशासन की सख्ती के लिए ऐसे जनप्रतिनिधियों और नेताओं को नोटिस दिया जाएगा और कार्यवाही भी होगी। यह सूची बीजेपी संगठन तक 24 अगस्त को पहुंच जाएगी।
जुलाई माह में भाजपा ने प्रदेश भर में मंडल और जिला स्तर पर पार्टी नेताओं के दो रूप देखे हैं। इनमें निर्वाचित जनप्रतिनिधि और पूर्व विधायक, सांसद व अन्य स्तर के नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं। इन नेताओं ने मेयर, पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद व जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान पार्टी के फैसलों का विरोध अपने रिश्तेदारों, करीबियों को जिताने के लिए किया है। संगठन का फोकस तब पार्टी कैंडिडेट की जीत था। इसलिए उस समय तो मान-मनुहार कर काम चलाया गया पर अब एक्शन की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने जिला अध्यक्षों से दो टूक कहा है कि चाहे कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, अगर उसके द्वारा निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी के फैसले के विरुद्ध काम किया गया है तो उसकी सूची संगठन को उपलब्ध कराई जाए। संगठन के फैसलों में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला अध्यक्ष तैयार कर रहे सूची
संगठन के निर्णय के बाद जिला अध्यक्ष ऐसे नेताओं, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनधियों की सूची तैयार कर रहे हैं। यह सूची 24 अगस्त से 26 अगस्त तक पचमढ़ी में होने वाले प्रशिक्षण वर्ग और प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान प्रदेश संगठन के पास उपलब्ध हो जाएगी। सभी जिला अध्यक्ष पहले ही दिन यानी 24 अगस्त को पार्टी के विरुद्ध काम करने वाले नेताओं की सूची संगठन को देंगे। इसके बाद नोटिस जारी किए जाने और निष्कासन की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रीतम और सिद्धू के मामले में दिखाई अनुशासन की सख्ती
पार्टी और समाज में अनुशासन को लेकर संगठन की सख्ती पिछले सप्ताह हुई दो कार्यवाही में सामने आ चुकी है। ब्राह्मण समाज के विरुद्ध विवादास्पद बयान देने वाले प्रीतम लोधी ग्वालियर को भाजपा ने पार्टी से ही निष्कासित किया है वहीं रीवा जिले में बनकुइयां मंडल के अध्यक्ष का नाम सीईओ जनपद सिरमौर के साथ मारपीट के मामले में सामने आने के बाद उन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया गया है।
एक हजार से अधिक नेता आएंगे दायरे में
पार्टी के प्रदेश कार्यालय के पदाधिकारियों का अनुमान है कि संगठन के फैसलों के विरुद्ध चुनाव में काम करने वाले नेताओं की जो सूची जिला वार तैयार कराई जा रही है, उसमें एक हजार से अधिक जनप्रतिनिधि, नेता, कार्यकर्ताओं के नाम सामने आ सकते हैं। इनके विरुद्ध गंभीर मामलों का आकलन कर कार्यवाही का निर्णय लिया जा सकता है।