भोपाल: जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बीजेपी संगठन अभियानों को लेकर और सख्त होता जा रहा है. 51 फीसदी वोट शेयर हासिल करने के लिए प्रदेश में इन दिनों बूथ विजय संकल्प अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत सभी मंडल और जिला अध्यक्षों को अपने-अपने इलाके में बेहतर काम करने के निर्देश दिए गए हैं. यदि इस अभियान में जिलाध्यक्ष लापरवाही बरतेंगे तो उन्हें हटाने से भी बीजेपी नहीं चूकेगी. बीजेपी ने प्रदेश के 64100 बूथों पर यह अभियान चलाया गया.
इतना ही नहीं पन्ना प्रमुखों के साथ भी प्रदेश प्रभारी अजय जामवाल से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं ने बूथ पर जाकर बात की. उन्हें 51 फीसदी वोट शेयर के लिए काम करने के निर्देश भी दिए. पूरे देश में बूथ विस्तारक अभियान में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. लेकिन, कुछ जिले ऐसे थे जिनका प्रदर्शन संगठन के अनुकूल नहीं रहा. ऐसे जिला अध्यक्षों को बैठक के माध्यम से निर्देश दिए गए हैं कि 4 मई से 14 मई तक चलाए जाने वाले बूथ विजय संकल्प अभियान के दौरान अपना प्रदर्शन सुधार लें. यदि ऐसा नहीं होता है तो ऐसे जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है.
बदलाव के पहले शुरू हुई सियासत
जिला अध्यक्षों को बदले जाने की सुगबुगाहट पर बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि 51 फीसदी वोट शेयर के लिए संगठन इन दिनों पूरे प्रदेश में जी-जान से जुटा हुआ है. क्योंकि, इस साल में ही चुनाव है. बीजेपी अब पूरे तरीके से चुनावी मोड में है. यही कारण है कि अभियानों में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों को बदलने से पार्टी नहीं चूकेगी. बीजेपी संगठन में समय-समय पर कार्यकर्ता की भूमिका के अनुसार उसकी जिम्मेदारी तय की जाती है.
कांग्रेस ने उठाया सवाल
वहीं अभियान में लापरवाही बरतने वाले जिला अध्यक्षों को बदलने की सुगबुगाहट पर कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी भले ही 51 फीसदी वोट शेयर करने की बात कह रही हो, लेकिन जिस तरीके से विकास यात्राओं के दौरान विरोध हुआ इससे बीजेपी आलाकमान समझ चुका है कि यह लक्ष्य पाना उनके लिए मुश्किल भरा काम है. यही कारण है कि अभी से बीजेपी आने वाले समय में होने वाली हार का ठीकरा संगठन पर फोड़ने लगी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके पहले कभी ऐसा नहीं होता था कि कार्यकाल के बीच में जिला अध्यक्ष या पदाधिकारियों को बदला जाए.