भोपाल. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए करीब एक साल का समय अभी बाकी है. इसके बावजूद सत्ता वापसी के लिए भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है. इतना ही नहीं, अभी से अलग-अलग क्षेत्रों की कमान संभालने के मौखिक फरमान भी जारी होने लगे हैं. खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के युवा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्य रूप से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ही फोकस करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है. आधिकारिक रूप से इसकी चर्चा तो कोई नहीं करता, लेकिन शुरुआती संकेत यही मिल रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में बीजेपी विधायक और मंत्रियों से बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में पूरा फोकस करें. यह भी कहा गया है कि इस बात को भी सुनिश्चित करें कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का भी हवाला दिया है कि अपना क्षेत्र मजबूत करने की रणनीति ही सफलता की कुंजी है.
समर्थक मंत्रियों को जिताने की जिम्मेदारी सिंधिया की
सीएम के इस बयान के एमपी में अब अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. यह भी कयास लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को केवल ग्वालियर-चंबल संभाग तथा उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में फोकस करने की ही जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके अलावा, सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री को टिकट मिलने पर उनके क्षेत्र की जिम्मेदारी भी सिंधिया की रहेगी.
सीएम नहीं पीएम ही होंगे चुनावी चेहरा
वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक मध्य प्रदेश में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े चेहरे होंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा. बीजेपी हमेशा संगठन को तवज्जो देने वाली पार्टी है. इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीमित क्षेत्र की ही जिम्मेदारी दी जा सकती है. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा अन्य केंद्रीय मंत्री भी है. यहां पर उज्जैन से प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ सत्यनारायण जटिया संसदीय बोर्ड के सदस्य भी है. ऐसे में टकराव की स्थिति ना बने इसलिए सीमित दायरे में ही जिम्मेदारियां दी जा सकती है.