नई दिल्ली । इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनो पार्टियां अपने-अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं को मजबूत करने में लगी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर जमीनी स्तर पर जुटी हुई है। पार्टी ‘जन आशीर्वाद’ यात्रा के जरिए ना केवल अपने कार्यकर्ताओं की घर वापसी में लगी है बल्कि कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के बूथ लेवल कार्यकर्ताओं को भी अपने पाले में लाने का काम कर रही है। भाजपा एक तीर से दो निशाने लगा रही है। एक तरफ पार्टी छोड़ चुके कार्यकर्ताओं को वापस लाने का प्रयास हो रहा है तो दूसरी तरफ नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए भी भाजपा दिन रात एक कर रही है। बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा ‘जन आशीर्वाद’ यात्रा कर रही है।
भाजपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनावों से सीख ली है। पार्टी ने फैसला किया है कि यात्रा जहां से भी गुजरेगी वहां के पुराने कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा साथ ही पंचायत और ब्लॉक लेवल पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाएगा जिससे की कांग्रेस कमजोर हो जाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर हो रही इस यात्रा का सकारात्मक परिणाम मध्य प्रदेश में दिखाई दे रहा है। बता दें कि यहां भाजपा को दो दशकों की एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना है।
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक उन्हें लोगों तक पहुंचने के अलावा पूर्व कार्यकर्ताओं की घर वापसी कराने का भी जिम्मा दिया गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को विधानसभा के हिसाब से पंचायत लेवल और ब्लॉक लेवल के सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची दे दी गई है। इसमें कांग्रेस के भी कार्यकर्ता शामिल हैं। भाजपा चुपचाप मध्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जोड़ रही है। वहीं टिकट को लेकर नाराज नेताओं को भी लुभाया जा रहा है। भाजपा का मानना है कि राज्य में कांग्रेस को कमजोर करने का यही सबसे अच्छा तरीका है।
भाजपा बड़े नेताओं को शामिल करने पर जोर ना देकर इस बार बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं पर ध्यान दे रही है। सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक टीम बना दी गई है जो कि सीधे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को रिपोर्ट करती है। मध्य प्रदेश में अब तक यह यात्रा जहां से भी गुजरी है वहां हर असेंबली सेगमेंट में कम से कम 50 से 100 नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है। जानकारों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनावों में भी भाजपा की यह रणनीति बहुत काम आने वाली है।