छिंदवाड़ा।  मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी-कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में लगे हुए हैं। इसी बीच बीजेपी के सीनियर लीडर गौरीशंकर बिसेन ने 2023 में बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। गौरीशंकर बिसेन ने अपने छिंदवाड़ा दौरे में अगला चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मुझे कहां से चुनाव लड़ना है इसका फैसला मोदीजी, नड्डाजी, शिवराज जी करेंगे। बालाघाट से 9 नौ बार विधानसभा और लोकसभा का 4 बार चुनाव लड़ चुका हूं। अब मैं बालाघाट विधानसभा से चुनाव नहीं लडूंगा। वहीं, छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा के चुनाव नहीं हैं।

गौरीशंकर बिसेन बीजेपी एमपी के कद्दावर नेता हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता था। गौरीशंकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में दो बार मंत्री भी रहे हैं। वर्तमान में वो मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष हैं।

सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री व राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पीडीएस वितरण प्रणाली को लेकर सरकार को घेरा है। दरअसल, छिंदवाड़ा में पत्रकारों से बता करते हुए उन्होंने कहा कि पीडीएस वितरण प्रणाली के जरिए राशन दुकानों में गेहूं नहीं पहुंच रहा है। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री से पूछा है कि गेहूं क्यों नहीं आ रहा, आखिर कहां चला गया? उन्होंने कहा कि अगर 1 सप्ताह के अंदर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बात कर गेहूं की व्यवस्था नहीं की तो वो प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। बीजेपी के कद्दावर नेता बिसेन ने यह भी कहा कि पिछले साल 1.90 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदा था।

कलेक्टर पर नाराजगी
बिसेन ने मीडिया से चर्चा में कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कलेक्टर को आने की फुर्सत नहीं है। दो दिन बहाना करती रही, कल आउंगी, परसों आउंगी पर नहीं आई। मीडिया के जरिए में कलेक्टर शीतला पटले से कहना चाहता हूं। आप युवा हैं, अनुभवी हैं। मैं जब मंत्री था तब आप ग्वालियर में एसडीएम थीं। पहली पोस्टिंग आपकी छिंदवाड़ा की हुई है। मैं आपकी शिक्षा को जानता हूं, बचपन को जानता हूं। आपके परिणाम को जानता हूं आपने आईएएस पास किया तब भी मैंने आपका स्वागत किया था। मुझे लगता था कि बालाघाट की लड़की है कुछ काम करेगी। लोगों की धारणा है बालाघाट के लोग काम करते हैं। मुझे खुशी थी कि मेरे समाज की लड़की है तो और अच्छा काम करेगी।