जयपुर । राजस्थान में बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी बड़े सियासी संकेत दिए है। पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे की टिकट बंटवारे में बिलकुल भी नहीं चली है। वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट नहीं दिए गए है। यहीं नहीं राजे समर्थक विधायकों को टिकट भी काट दिए गए है। बीजेपी ने पहली लिस्ट में 29 नए चेहरों को टिकट दिए है। खास बात यह है कि इन नए चेहरों में वसुंधरा राजे समर्थक नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे ने जिन नामों की सिफारिश की थी, पार्टी आलाकमान ने सिरे से खारिज कर दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकद नहीं देकर सियासी संदेश देने की कोशिश की गई है। पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे का नाम तक नहीं है। ऐसे में चर्चा है कि वसुंधरा राजे केंद्र में शिफ्ट भी हो सकती है। दूसरी चर्चा यह है की नो रिपीट वाला गुजरात फार्मूला लागू हो सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने वसुंधरा राजे को जोर का झटका धीरे से दिया है।

वसुंधरा राजे के धुर विरोधियों को टिकट
सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले सांसदों को टिकट दिया है। सीएम पद की दावेदार एवं वसुंधरा राजे की धुर विरोधी सांसद दीया कुमारी को जयपुर की विद्याधर सीट से टिकट दिया गया है। निवर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया है। चर्चा है कि दीया कुमारी सीएम पद की प्रबल दावेदार है। ऐसे में वसुंधरा राजे की काट के लिए दीया कुमारी को तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार सवाई माधोपुर से बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीना को टिकट दिया गया है। किरोड़ी लाल को भी वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्दन सिंह राठौड़ को टिकट देकर बीजेपी ने पार्टी के अंदर वसुंधरा राजे विरोधियों का एक मंच तैयार खड़ा कर लिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी के सत्ता में आने पर सांसद से विधायक बनने को आतुर ये सभी नेता वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। पार्टी आलाकमान की यही रणनीति है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे के लिए आगे की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है।

राजे समर्थकों की अनदेखी
सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे को पहली लिस्ट में पूरी तरह से साइडलाइन कर दिया है। वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर पार्टी ने एक तरह से गुटबाजी से दूर रहने की नसीहत दी है। बता दें बानसूर से वसुंधरा राजे समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को भी टिकट नहीं दिया गया है। हालांकि, पार्टी ने पहले ही निष्कासित कर किया था। लेकिन बीजेपी में उनकी वापसी नहीं हो पाई है।

अब दूसरी सूची से आस
सियासी जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि आने वाले सूचियों में वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट मिल जाए। क्योंकि एमपी में भी बीजेपी ने ऐसा ही किया था। पहली और दूसरी लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को टिकट नहीं मिला था। लेकिन तीसरी सूची में सिंधिया के समर्थकों को टिकट मिला है। ऐसे ही माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे समर्थकों को दूसरी सूची में एडजस्ट किया जा सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी बीजेपी को भारी पड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी आलाकमान जोखिम लेने की स्थिति में नहीं है। जानाकारों का यह भी कहना है कि बीजेपी वसुंधरा राजे की अनदेखी नहीं करेगी। क्योंकि वह जानती है कि राजे में राजस्थान में क्या अहमियत है।