भोपाल। आखिरकार बीजेपी ने मध्यप्रदेश की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। खंडवा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दिया गया है, जबकि रैगांव से प्रमिमा बागरी,जोबट से सुलोचना रावत और पृथ्वीपुर से शिशुपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है।

मध्यप्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनाव के लिए 8 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। कांग्रेस ने चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भाजपा के प्रत्याशियों के नाम बुधवार आधी रात को फाइनल किए गए। इनकी औपचारिक घोषणा गुरुवार सुबह की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दोपहर 1 बजे खंडवा में ज्ञानेश्वर पाटिल के नामाकंन दाखिल करने के दौरान मौजूद रहेंगे।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि खंडवा लोकसभा सीट पर दो नामों पर भी सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में पैनल में ज्ञानेश्वर पाटिल, राजपाल सिंह तोमर, हर्ष सिंह चौहान व अर्चना चिटनिस का नाम दिया गया था। प्रदेश संगठन इस सीट पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहता था। ऐसे में ज्ञानेश्वर पाटिल को बनाया गया।

पृथ्वीपुर सीट से शिशुपाल सिंह यादव और गणेशीलाल नायक का नाम पैनल में भेजा गया था। इसमें से शिशुपाल यादव के नाम पर दिल्ली में मुहर लगी। इसी तरह रैगांव से जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी को टिकट दिया गया है, जबकि यहां से पुष्पराज बागरी के नाम पर भी विचार किया गया। जोबट से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं सुलोचना रावत को उम्मीदवार बनाया गया है।

कांग्रेस ने इन्हें दी टिकट
कांग्रेस ने खंडवा लोकसभा सीट से राज नारायण सिंह, रैगांव से कल्पना वर्मा, जोबट से महेश पटेल और पृथ्वीपुर से पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का कोरोना से निधन होने के बाद अब उनके बेटे नितेंद्र सिंह राठौर को टिकट दिया है।

खंडवा: 25 साल बाद बीजेपी ने OBC चेहरे पर खेला दांव
बीजेपी ने खंडवा लोकसभा सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसा 25 साल बाद हुआ, जब बीजेपी ने OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर दांव खेला है। इस सीट पर 1996 से लेकर 2019 तक बीजेपी ने नंदकुमार सिंह चौहान (राजपूत) लगातार उम्मीदवार बनाया। उनके निधन के बाद इस सीट पर बीजेपी को उम्मीदवार का चयन करने में बड़ी उलझन का सामना करना पड़ा।

प्रदेश सगंठन ने चार नामों का पैनल दिल्ली भेजा था। दावेदारों की लिस्ट में सांसद नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन सिंह का नाम पहले नंबर पर था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बयान दे चुके थे कि भाजपा परिवार या वंशवाद की पोषक नहीं है, यह सब कांग्रेस में चलता है। इसके बाद ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि ज्ञानेश्वर पाटिल और राजपाल सिंह तोमर में से किसी एक को टिकट मिलेगा। पाटिल को टिकट देने के पीछे उनकी निर्विवाद छवि बताई जा रही है।

जोबट: 3 बार कांग्रेस से MLA रहीं सुलोचना को अब बीजेपी से टिकट
कांग्रेस से तीन बार विधायक रही सुलोचना रावत और उनके पुत्र विशाल रावत ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। करीब 50 साल से रावत परिवार कांग्रेस संगठन के लिए काम कर रहा था। जब उपचुनाव में टिकट की दौड़ में शामिल विशाल बाहर हुए तो उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। सुलोचना रावत 1996, 1998 और वर्ष 2008 में विधायक रह चुकी है। 1998 में दिग्विजय सरकार में वे नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री भी रही। उनके बेटे विशाल रावत ने 2013 में कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। 2018 में टिकट नहीं मिलने पर वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे। दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

रैगांव : जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी पर बीजेपी ने जताया भरोसा
बीजेपी के प्रदेश संगठन ने रैगांव सीट से बीजेपी ने प्रतिमा बागरी को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रतिमा महिला मोर्चा में लंबे समय से सक्रिय रही। इसी वजह से उन्हें जुलाई में जिला महामंत्री बनाया गया था। प्रदेश संगठन ने पुष्पराज बागरी का नाम भी दिल्ली भेजा था, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रतिमा के नाम पर मुहर लगाई।

पृथ्वीपुर: सपा से आए शिशुपाल यादव को मिला टिकट
पृथ्वीपुर सीट पर उम्मीदवार के लिए एक नाम पर प्रदेश स्तर पर सहमित नहीं बन पाई है। यहां से समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए शिशुपाल सिंह यादव को टिकट दिया गया है। शिशुपाल यादव 2018 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे और 44816 वोट पाकर दूसरे स्थान पर आए थे। बीजेपी चौथे स्थान रही थी। यह सीट कांग्रेसी बृजेंद्र सिंह राठौर ने 52436 वोट लेकर जीती थी।

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