देश को सबसे अधिक 80 लोकसभा सीट देने वाले उत्तर प्रदेश को लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद गंभीर है। भारतीय जनता पार्टी 2014 जैसा परिणाम एक बार फिर दोहराने के प्रयास में हैं। इसके लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे आने वाले हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मोदीमय माहौल बनाने की जोरदार तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए स्वयं मोर्चा पर आने की तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री ने राज्य के संत कबीर नगर जिले से कल इसकी शुरुआत भी कर दी है। उत्तर प्रदेश में अब हर महीने एक जिले में उनकी एक-एक रैली का कार्यक्रम तय किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मगहर से 2019 के चुनाव अभियान की शुरुआत भी कर दी है। अब पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी की हर महीने प्रदेश में कम से कम एक रैली कराने की तैयारी कर रही है। जिससे कि विपक्षी दलों के महागठबंधन को धराशायी किया जा सके और 2014 जैसे नतीजे एक बार दोहराया जा सके।

भाजपा प्रदेश में हर महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक रैली कराने की तैयारी में जुट गई है। संत कबीर नगर के बाद अगली रैली समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में होगी। यह रैली जुलाई माह में होगी। माना जा रहा है कि अब भाजपा प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी की ज्यादा से ज्यादा रैलियां कराना चाहती है। जुलाई में आजमगढ़ की रैली 15 तारीख के बाद ही होने की संभावना है।

संतकबीर नगर के मगहर से उत्तर प्रदेश को मथने की शुरूआत कर चुके प्रधानमंत्री ने चुनावी शंखनाद पूर्वांचल से ही किया है। संतकबीर नगर के बाद वह 14 या 15 जुलाई को मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी की तैयारी हर महीने किसी न किसी बहाने यूपी के दौरे की है। इस से पहले 27 मई को उन्होंने बागपत में सभा की थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन ने प्रदेश में 80 में से 73 लोकसभा सीट जीती थी। सपा को पांच तथा कांग्रेस ने दो सीट जीती थी। बसपा व रालोद का खाता भी नहीं खुला था। लोकसभा उप चुनाव में भाजपा ने तीन सीट गंवा दी है। प्रदेश में अब गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच में भाजपा भी सतर्क होने लगी है। 2019 में मोदी को मात देने के लिए विपक्ष एकजुट होकर मैदान में उतरता है, तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

भाजपा ने विपक्ष की एकता को मात देने और 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए अपने सबसे बड़े और करिश्माई चेहरे पर भरोसा जताया है। पार्टी इसी मद्देनजर पीएम मोदी की ज्यादा से ज्यादा रैलियां प्रदेश में कराने की योजना बना रही है। पार्टी नेताओं के लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों के जरिए ही महागठबंधन को मात दिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 जुलाई को उनके संसदीय क्षेत्र काशी में एक कार्यक्रम प्रस्तावित है लेकिन, संगठन की ओर से अब प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों में उनकी सभा कराने की तैयारी है। मगहर में मोदी की सभा ने कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है। जिस तरह स्वत:स्फूर्त भीड़ मोदी की सभा में आयी उससे भाजपा के लोगों का उत्साह बढ़ा है। गोरखपुर और फूलपुर, फिर कैराना और नूरपुर उपचुनाव की हार ने कार्यकर्ताओं के उत्साह को प्रभावित किया था। भाजपा में इस बात से चिंता बढ़ी थी लेकिन, मगहर की मोदी की रैली ने नई ऊर्जा का संचार किया है। अब अमित शाह इसे विस्तार देंगे। मोदी के भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों के साथ ही अमित शाह के भी दौरे होंगे।

आजमगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने का कार्यक्रम है। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह प्रयास है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर काम शुरू हो जाये और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले इसका उद्घाटन हो।

लखनऊ से गाजीपुर तक 354 किलोमीटर की सड़क देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। पीएम नरेन्द्र मोदी को इसी महीने इसका शिलान्यास करना था लेकिन टेंडर रद हो जाने की वजह से शिलान्यास का कार्यक्रम अगले महीने तक के लिए टल गया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 91 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। छह लेन के इस हाइवे को बनाने में करीब 12 हज़ार करोड़ रूपये ख़र्च होने का अनुमान है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गोरखपुर व वाराणसी से लिंक रोड से जोडऩे का फैसला पहले ही हो चुका है।

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