मुंबई। Income Tax Department ने महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में कथित रूप से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से जुड़ी 1000 करोड़ की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। Income Tax विभाग ने कथित तौर पर पवार और उनके परिवार से जुड़े मुंबई के दो रियल एस्टेट समूहों के 70 ठिकानों पर पिछले महीने छापेमारी की थी। तलाशी के दौरान विभाग द्वारा कथित तौर पर लगभग 184 करोड़ रुपए की बेहिसाब आय का पता चला, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है। विभाग ने अभी तक कुर्की पर कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कार्रवाई बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम के निषेध के तहत की गई है। अधिकारियों ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई में एक प्रमुख स्थान पर एक ऑफिस, दिल्ली के एक पॉश इलाके में एक फ्लैट, गोवा में एक रिसॉर्ट, कृषि भूमि और महाराष्ट्र में एक चीनी मिल शामिल है। उन्होंने कहा कि “संदिग्ध तरीके” से प्राप्त धन का कथित तौर पर इन संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए उपयोग किया गया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख और अजीत पवार के चाचा शरद पवार ने छापेमारी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कार्रवाई सत्ता के दुरुपयोग का मामला है। उन्होंने इसे लखीमपुर खीरी हिंसा पर अपनी स्थिति पर BJP की प्रतिक्रिया से जोड़ा। शरद पवार ने हिंसा की तुलना भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान जलियांवाला बाग हत्याकांड से की थी।
NCP महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है। शिवसेना और NCP केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर आरोप लगाती रही हैं। BJP नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि कुर्क की गई संपत्तियों के मालिक पवार और उनका परिवार है। “संपत्तियों में 600 करोड़ रुपए की जरंदेश्वर चीनी मिल, दक्षिण मुंबई में पार्थ अजीत पवार के स्वामित्व वाला एक कार्यालय जिसकी कीमत 25 करोड़ रुपए है, दक्षिण दिल्ली में 20 करोड़ रुपए का एक फ्लैट और गोवा में निलय नामक एक रिसॉर्ट की कीमत 250 करोड़ है। संपत्ति अजीत पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा, उनकी मां, उनके बेटे, बहनों और दामाद मोहन पाटिल के स्वामित्व में हैं।”