उज्जैन । एमपी में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। दोपहर बाद मध्यप्रदेश के कई हिस्सों आंधी-तूफान आई है। तेज आंधी-तूफान के कारण महाकाल लोक में बड़ा नुकसान हुआ है। महाकाल मंदिर में श्री महाकाल लोक का एक साल पहले ही निर्माण करवाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का शुभारंभ किया था। एक साल के अंदर ही तेज आंधी-तूफान में यहां महाकाल लोक में स्थापित बड़ी-बड़ी मूर्तियां टूटकर गिरने लगी । इसके बाद निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

दरअसल, रविवार दोपहर में तेज आंधी-तूफान के साथ उज्जैन में बारिश हुई है। महाकाल लोक के अंदर कई देवी-देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। आंधी-तूफान के कारण ये मूर्तियां टूटकर गिर गई हैं। साथ ही कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। इसके बाद महाकाल प्रबंधन मूर्तियों को व्यवस्थित करने में जुट गया है। गनीमत यह रही कि उस समय महाकाल लोक में लोग नहीं थे। इसकी वजह से जनहानि नहीं हुई है।

रविवार शाम 4 बजे उज्जैन शहर में तेज आंधी तूफान चली। तेज हवा के जोर से महाकाल लोक परिसर में मौजूद 6 से 7 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई। सप्तऋषि की कुछ मूर्तियां अपनी जगह से उखड़ कर नीचे आ गिरी, वही किसी मूर्ति का हाथ टूट गया, तो किसी का धड़ अलग हो गया। जिस समय तेज आंधी आई, वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। तूफान आने से वहां अफरा-तफरी मच गई। इससे पहले रविवार को सुबह ही सांदीपनि आश्रम के सामने भी तेज आंधी में पुराना पेड़ गिर गया था, जिसमें मोटरसाइकिल, एक आटो और कार क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने किया है उद्घाटन
दरअसल, पिछले साल 11 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। लगभग 850 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे महाकाल लोक में किए गए गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुल रही है। आंधी में महाकाल लोक में लगी मूर्तियां उड़ गई और बुरी तरीके से कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुई।गौरतलब है कि घटिया काम को लेकर लोकायुक्त में जांच भी चल रही है। वहीं, मूर्तियां टूटने के बाद उन आरोपों को बल मिला है। अब देखना यह है कि शासन के स्तर पर क्या कार्रवाई होती है।