भोपाल। मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बताया गया है कि 27 अस्पतालों में अनियमितताएं पाई गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। योजना में बेहतर कार्य करें, जिससे मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को अपने निवास कार्यालय में आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक ले रहे थे। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक प्रियंका दास सहित अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा असहनीय है। योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे। यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है। घोटाला करने वालों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अन्य गतिविधियों की जांच भी करें। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जाए। संदिग्ध पाये गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी। कॉल सेंटर एक्टिव रहें। मरीजों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं। प्रदेश के 27 अस्पताल में कमियां सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्रवाई करें और आगे ऐसा न हो।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक प्रियंका दास ने बताया कि आयुष्मान में संबद्ध अस्पतालों में भर्ती मरीजों की चिकित्सकीय गुणवत्ता के लिए औचक निरीक्षण कराया गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या की जांच की गई। ऑडिट इंस्पेक्शन टीम द्वारा मरीजों से अतिरिक्त राशि तो नहीं ली जा रही है। जांच की गई कि चिकित्सालयों द्वारा बीमारी के अनुसार ही उपचार उपलब्ध कराया गया है या नहीं और उसी उपचार की राशि सरकार से क्लेम की गई है या नहीं।

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना मध्यप्रदेश द्वारा स्व-प्रेरणा से अभी तक 12 जिलों में प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 चिकित्सालय की सूक्ष्म जांच एवं ऑडिट कराया गया है, जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता पाई गई है। इन पर कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ अस्पतालों द्वारा फर्जी मरीजों को भर्ती कर फर्जी दस्तावेज पोर्टल पर सब्मिट किए गए। निरीक्षण टीम द्वारा ऐसे सभी प्रकरणों के क्रियान्वयन में राज्य शासन द्वारा एफआईआर एवं उचित कार्रवाई कराई गई। ऐसे समस्त अस्पतालों को जो योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें योजना से असम्बद्ध करने की कार्रवाई की जा रही है। मरीजों को नि:शुल्क उपचार न देते हुए उनसे अतिरिक्त राशि की मांग किए जाने संबंधी प्रकरणों में तीन गुना अतिरिक्त अर्थदण्ड अधिरोपित किया जा रहा है। अस्पतालों की जांच का कार्य निरंतर जारी रहेगा। मरीजों से इलाज के दौरान और बाद में फीडबैक लिया जा रहा है।