आष्टा: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही अलग ही अंदाज में एक पार्टी से दूसरी पार्टी में नेताओं के जाने का क्रम जारी हो चुका है. जहां पर पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता बीजेपी में शामिल हुए वहीं अब दोबारा और उल्टा दिखाई दे रहा है इसमें बीजेपी से जुड़े या बीजेपी को समर्थन दे चुके कई नेता अब सरकार से नाराज होकर कांग्रेस का रुख अपना रहे हैं.

इसका उदाहरण मुख्यमंत्री के स्वयं के गृह जिले में देखने को मिला जब आष्टा विधानसभा सीट से आने वाले प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल सिंह चौहान ने कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली कमल सिंह चौहान आष्टा से जिला पंचायत सदस्य भी हैं बीते दिनों हुए जिला पंचायत चुनाव में कमल सिंह चौहान ने बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर दिया था जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन सरकार और संगठन की बेरुखी के चलते उन्होंने अब कांग्रेस का दामन थामने का मन बना लिया है.

आष्टा क्षेत्र में अपनी बड़ी पकड़ रखने वाले कमल सिंह चौहान ने अपने 1500 समर्थकों के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की एवं कांग्रेस की रीति नीति से प्रभावित होकर कमलनाथ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की बाद भी कही है.

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में संगठन और सत्ता के बीच कोई विशेष तालमेल नहीं है यहां पर संगठन और सत्ता के रवैया को लेकर कई नेता कुछ वर्षों से खासे नाराज बताए जा रहे हैं एक और जहां कांग्रेस आष्टा विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी हुई है .वहीं दूसरी ओर बीजेपी अपनी जमीन बचाने में थोड़ी सी नाकाम दिखाई दे रही है आष्टा क्षेत्र में जहां कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा लगातार सक्रिय हैं वहीं बीजेपी नेताओं की बेरुखी के चलते कई नेता कांग्रेसका रुख अपनाने लगे हैं.

कमल सिंह चौहान भी बीजेपी से नाराज बताए जा रहे थे इसीलिए उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का मन बनाया और कमलनाथ के साथ आगे बढ़ गए. मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में आने वाले दिनों में भी कई बड़ी हस्तियां और नेता कांग्रेस में जा सकते हैं अब देखने वाली बात होगी या बीजेपी डैमेज कंट्रोल करने में सफल हो पाती है या नहीं.