भोपाल: मध्य प्रदेश के एक लाख बुजुर्गों को हर महीने मिलने वाली 600 रुपये की पेंशन बंद हो गई है. ये सभी बुजुर्ग इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम से जुड़े हुए थे. सरकार ने ये पेंशन बंद करने का आदेश भी जारी कर दिया है. आदेश में इन सभी बुजुर्गों को पेंशन के लिए अपात्र बताया है. आदेश में कहा गया है कि अगर इन सभी बुजुर्गों को ये पेंशन लेनी है तो फिर से आवेदन करें. साथ ही, वे खुद ही ये भी बताएं कि वे इस पेंशन के लिए पात्र हैं.

यह मामला सामाजिक न्याय विभाग के तहत आता है. इस मामले को लेकर विभाग का कहना है कि इंदिरा गांधी ओल्ड एज पेंशन स्कीम से जुड़े हुए सभी बुजुर्गों के दस्तावेजों की जांच की गई थी. इस दौरान जिन बुजुर्गों के नाम, पते, आयु और लिंग आधार के मुताबिक नहीं मिले उन्हें इस स्कीम से बाहर कर दिया गया है. इन बुजुर्गों की जैसे ही प्रोफाइल अपडेट ही, वे स्कीम के लिए अपात्र हो गए. अभी तक सामाजिक न्याय विभाग इन बुजुर्गों को आयु प्रमाण-पत्र, बीपीएल कार्ड और कुछ फोटो के साथ पेंशन दे देता था. इन्हीं कागजातों से उनकी आयु की भी पुष्टि की जाती थी. लेकिन, अब विभाग को सारे दस्तावेज आधार के मुताबिक चाहिए. इसलिए जिनको भी ये पेंशन चाहिए उन्हें आधार के मुताबिक बने दस्तावेज पेश कर दोबारा आवेदन करना होगा.

जानकारी के मुताबिक, पेंशन स्कीम से बाहर किए गए बुजुर्गों को 86 करोड़ रुपये की पेंशन मिलती थी. प्रदेश में इस वक्त 56.5 लाख पेंशन धारक हैं. इन सभी को मिलाकर सरकार 340 करोड़ रुपये पेंशन देती है. सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी संबंधित विभागों को बता दिया गया है कि अगर कोई अपात्र बुजुर्ग खुद को पात्र साबित कर देता है और दोबारा आवेदन करता है तो उसके दस्तावेजों की तुरंत जांच करें. अगर वे वास्तव में पात्र हैं तो इसकी जानकारी तुरंत भोपाल भेजें. अगर वे सही पाए गए तो बुजुर्ग को पेंशन के साथ-साथ एरियर भी दिया जाएगा. यह काम 15 जुलाई तक पूरा किया जाएगा.