नईदिल्ली । कंझावला हिट एंड रन मामला में गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर लापरवाही बरतने के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इस घटना में एक 20 वर्षीय लड़की अंजलि सिंह की मौत हो गई थी। जिसे टक्कर मारने के बाद आरोपी कई किलोमीटर तक घसीटते रहे थे।
अधिकारियों ने कहा कि मामले पर दिल्ली पुलिस की एक विस्तृत रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए, गृह मंत्रालय ने गुरुवार को तीन पीसीआर वैन और दो पुलिस पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
रोहिणी जिले के जिन 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है उनमें दो सब इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, चार हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं।इनमें से छह पीसीआर ड्यूटी पर थे और पांच घटना के दिन पिकेट ड्यूटी में तैनात थे।
बीते गुरुवार गृह मंत्रालय ने कंझावला केस को लेकर दिल्ली पुलिस को कुछ निर्देश दिए थे। पुलिस पिकेट और पीसीआर में मौजूद पुलिसवालों पर मंत्रालय ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लापरवाही बरतने के लिए आज दिल्ली पुलिस ने 11 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया। मंत्रालय ने इस केस को लेकर डीसीपी से भी जवाब तलब किया था। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह के आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से कंझावला केस पर रिपोर्ट मांगी थी।
अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को एक कार ने 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरमियानी रात को टक्कर मार दी थी, जिसमें वह कार के नीचे फंस गईं और वाहन के साथ सड़क पर करीब 14 किलोमीटर तक घसीटे जाने के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच में यह सामने आया कि कई कॉल लगाने के बाद भी पीसीआर वैन से कोई जवाब नहीं आया। पुलिसवालों की इस लापरवाही से कार सवार युवकों ने अंजलि की बॉडी को करीब ढाई घंटे तक घसीटा था।
मामले की जांच में सब सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया तो उसमें भी सुल्तानपुरी इलाके में पीसीआर वैन दिखे जब ये हादसा हो रहा था। पुलिसवालों की इस लापरवाही को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सख्ती दिखाई। कुल 11 पुलिसकर्मियों को आज सस्पेंड कर दिया गया है।