नई दिल्ली यूपी के भोले बाबा के सत्संग के दौरान बड़ा हादसा हुआ है। सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 107 लोगों की मौत की खबर है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। सौ से ज्यादा लोग गंभीर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया है। सीएम योगी ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है साथ ही घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। एडीजी आगरा जोन व कमिश्नर अलीगढ़ को घटना  की जांच का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है।  चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार हाथरस रवाना हो गए हैं।

बताया जाता है कि हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में भोले बाबा का प्रवचन का कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान उम्मीद से ज्यादा भीड़ आ गई थी। एक अनुमान के अनुसार सवा लाख लोग पहुंच गए थे। इसी दौरान लोग भीड़ के कारण परेशान होने लगे। भीड़ और गर्मी के कारण लोग बेहोश होने लगे तो भगदड़ मच गई। इसमें लोग जमीन पर गिरे तो उन्हें कुचलते हुए अन्य लोग निकलने लगे। सूचना पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने सैकड़ों गंभीर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है। सीएम योगी ने हाथरस हादसे को संज्ञान में लेते हुए तुरंत अफसरों को मौके पर पहुचंने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएम योगी ने एडीजी आगरा जोन और अलीगढ़ की कमिश्नर को हादसे की संयुक्त जांच की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। सीएम का आदेश पाते ही लखनऊ से चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी के साथ ही एडीजी, कमिश्नर मौके लिए रवाना हो गए हैं।

सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़
बताया जाता है कि तीन घंटे तक चले सत्संग के खत्म होने पर भगद़ मची है। लोग बाहर जाने के लिए निकलने लगे तो गेट छोटा होने से कई लोग दम घुटने के कारण बेहोश होने लगे। इसी के बाद भगदड़ मच गई।भगदड़ में महिलाओं, बच्चों समेत कई लोग दब गए। श्रद्धालुओं के पैरों के नीचे दबकर ही लोगों की मौत हुई है। हादसे के आधे घंटे बाद तक कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंचा था।

सरकारी नौकरी छोड़कर भोले बाबा बने नारायण साकार को सुनने पहुंचे थे लोग
हाथरस में लोग जिस भोले बाबा के सत्संग में पहुंचे थे वह पहले सरकारी नौकरी करते थे। भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है। बाताया जाता है कि वह एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था। उन्होंने अपने प्रवचन में बताया था कि वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे।

करीब सवा लाख लोग पहुंचे थे
सिंकरामऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलराई गांव में भोले बाबा का सत्संग का आयोजन था। इस सत्संग में शामिल होने वालों की सही सख्या प्रशासन को नहीं पता थी। बताया जाता है कि सत्संग में करीब सवा लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे। इसी भीड़ को देख एलआईयू ने प्रशासन को रिपोर्ट दी थी।