मेरे अंहकार से…. यदि मैंने किसी को नीचा दिखाया हो….. मेरे क्रोध से…… यदि किसी को दुःख पहुंचाया हो। मेरे झूठ से…. किसी को कोई परेशानी हुई हो। मेरी ना से…. किसी की सेवा में, दान में बाधा आई हो। मेरे हर एक कण कण से जो मैंने किसी को निराश किया हो। मेरे शब्दों से…. जो किसी के हृदय को ठेस पहुचाई हो। जाने अनजाने में यदि में आपके कष्ट का कारण बना हूॅं। मेरी लेखनी से किसी को बुरा लगा हो। तो मैं मेरा मस्तक झुकाकर, हाथ जोडकर, सहृदय आपसे क्षमा मांगता हूॅं।
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