ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल की हालत बहुत खराब हो गयी है, वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिये।

विजयवर्गीय यहां अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कार्यकर्ताओं की बदौलत पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया। बंगाल में 25 गुना ज्यादा सीटें लेकर आये, जो देश में एक इतिहास बना। उन्होंने कहा कि बंगाल में भगवा और नीला रंग ही है। यानी भाजपा और टीएमसी ही विधानसभा में है। सीपीएम कांग्रेस की एक भी सीट नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल के हालात चुनावों के बाद से काफी खराब हुये हैं। वहां कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है, इस हिसाब से वहां पर राष्ट्रपति शासन लगना चाहिये।

मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमारे नेता हैं। कोरोना काल में उन्होने अच्छा काम किया है। इसलिये उनके हिसाब से मप्र में नेतृत्व परिवर्तन की कोई बात ही नहीं है, वे चाहेंगे कि वे (चौहान) मुख्यमंत्री बने रहें और पार्टी भी यही चाहेगी।

भाजपा महासचिव ने राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को आडे हाथों लेते हुये कहा कि कांग्रेस ब्रांड वाले साधू संत इस मुददे को उठा रहे हैं। जमीन बेचने वाला मुस्लिम समुदाय से है, कहीं किसी को कोई परेशानी नहीं है। वहीं बाजार मूल्य से कम कीमत पर जमीन की खरीदी की गयी। उन्होंने जोडा कि राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण के कारण जो लाभ भाजपा को मिल रहा है, उससे अन्य राजनीतिक दल कांग्रेस आम आदमी पार्टी परेशान हैं, इसलिये उनके नेता गलत बयानबाजी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह गलत बयानबाजी को लेकर उच्च न्यायालय में माफी तक मांग चुके हैं। यह लोग षडयंत्र रचते रहते हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा काश्मीर मुद्दे लेकर दिए गए बयान पर पूछे जाने पर विजयवर्गीय ने कहा कि दिग्विजय सिंह केवल वोट बैंक की राजनीति के लिये इस प्रकार की बयानबाजी करते रहते हैं। 

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि अगले पचास सालों में देश में कभी कांग्रेस की सरकार बनेगी। जब सरकार ही नहीं बनेगी तो धारा 370 लगने या हटने का प्रश्न ही नहीं होगा। इससे पहले वह भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के सह प्रभारी पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के निवास पर गये, जहां उन्होंने पवैया के पिता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पवैया से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। वे पहले परिस्थितियों के कारण नहीं आ पाए थे आज दुख बांटने आए हैं।

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