नई दिल्ली: सरकारी बैंक आज और कल (गुरुवार) दो दिन की हड़ताल पर हैं. करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर भी इसका असर पड़ सकता है. दावा किया जा रहा है कि हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल हो रहे हैं. बैंक कर्मी अपनी सैलरी में सिर्फ 2 फीसदी इजाफे के प्रस्ताव से बेहद नाराज़ हैं.
महीने के आखिर के दिन होने के चलते लोगों के तनख्वाह आने पर भी इसका असर पड़ सकता है, जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हड़ताल की वजह से कई बैंकों की शाखाओं के कामकाज पर तो असर पड़ेगा ही ATM सेवा पर भी असर पड़ सकता है.
बैंक यूनियन नेता अशोक गुप्ता ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि 14-15 प्रतिशत वेतन वृद्धि से नीचे कर्मचारी तैयार नहीं है. दो प्रतिशत की वृद्धि की बात कर्मचारियों के साथ मजाक है. गुप्ता ने बताया कि बुधवार को हड़ताल में शामिल बैंक कर्मी 10 बजे पार्लियामेंट स्ट्रीट पर एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे. गुप्ता ने यह भी बताया कि मैनेजमेंट ने साफ कर दिया है कि वह ज्यादा वेतन देने या बढ़ाने की स्थिति में नहीं है.
आपको बता दें कि बैंक कर्मचारियों के संगठन ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश को खारिज कर दिया. संगठन ने अपनी मांग पूरी कराने के लिए हड़ताल की भी चेतावनी दी. बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि एक नवंबर 2017 से लंबित है.
कर्मचारियों के संगठन एआईबीओसी के महासचिव डी.टी. फ्रैंको ने एक बयान में कहा था कि आईबीए ने महज दो प्रतिशत वेतन वृद्धि की शुरुआती पेशकश की जिसे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीओ) ने खारिज कर दिया. यूएफबीओ नौ कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों का समूह है.