भोपाल: आखिरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI पर बैन लगा दिया गया. केंद्र सरकार के इस फैसले का व्यापक तौर पर स्वागत हो रहा है. मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा दरअसल ये PFI के खिलाफ आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक है. उन्होंने PFI पर बैन के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों का आभार माना. एक ऐसा संगठन जो नासूर बनता जा रहा था ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध होना बहुत जरूरी था.
NIA ने हाल ही में 8 राज्यों में जगह जगह PFI के दफ्तरों औऱ नेताओं के घरों पर छापा मारा था. अकेले मध्य प्रदेश में ही PFI के प्रदेश अध्यक्ष सहित कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया. संगठन के बारे में मिले खुफिया इनपुट ने सरकार और इंटेलिजेंस एजेंसियों को सतर्क कर दिया है.
इनपुट ये है कि PFI युवाओं को देशद्रोही गतिविधियों के लिए तैयार कर रहा था और मध्य प्रदेश को केंद्र के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी थी. अकेले मध्य प्रदेश में ही उसके 6 हजार सक्रिय सदस्य बनाए जा चुके हैं. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा PFI के खिलाफ कार्रवाई राज्यों में आतंरिक सर्जिकल स्ट्राइक है. एक साथ कई राज्यों में कार्रवाई कर एक देश विरोधी संगठन को नेस्तनाबूद कर दिया.
गुजरात, कर्नाटक, यूपी की सिफ़ारिश पर बैन
मिश्रा ने कहा गुजरात, कर्नाटक और यूपी की सिफ़ारिश पर पीएफआई पर पाबंदी लगायी गयी है. राज्य में जिस तरह की गतिविधियां होती हैं उस तरह से कार्रवाई होती है. जहां गतिविधियां खूनी हो गई थीं रक्तरंजित हो गई थीं. जहां उनकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्तता थी वहां कार्रवाई की गयी. मध्यप्रदेश तो पहले से ही इस बारे में आगाह कर रहा था.
अभी और गिरफ्तारी होंगी
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी दी कि NIA की तरफ़ से पकड़े गये PFI के चार प्रदेश पदाधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर 21 और सदस्यों को पकड़ा गया. अब इन 21 लोगों से पूछताछ में जो भी स्लीपर सेल के नाम आएंगे उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. स्लीपर सेल को ढूंढ ढूंढ कर निकाला जाएगा नेस्तनाबूद कर देंगे.जहां जहां सिमी का नेटवर्क था हमने ध्वस्त कर दिया.
दिग्विजय सिंह कह सकते हैं- वो PFI के सदस्य हैं…
दिग्विजय सिंह के पीएफआई और आरएसएस की तुलना करने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मैं कह रहा हूं कि मैं आरएसएस का सदस्य हूं. दिग्विजय सिंह कह सकते हैं कि वो पीएफआई के सदस्य हैं. दिग्विजय सिंह तो ज़ाकिर नायक को शांति दूत कहते थे. वो टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन करते हैं. जो तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. उनसे क्या उम्मीद की जाए.
हर गतिविधि संदिग्ध
नरोत्तम मिश्रा ने कहा पीएफआई की सारी की सारी गतिविधियां संदिग्ध थीं. लोगों को उकसाना, उनको बांटना, चंदा लेना फंडिंग कराना धमकाना डराना और पैसे का उपयोग लोगों को मारने के लिए कहना. केरल, कर्नाटक और उड़ीसा में हत्या के सबूत मिले हैं.