भोपाल। मध्यप्रदेश में अब फर्जी नाम से कारोबार करने पर रोक लग सकेगी। पैन नंबर से लिंक आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ई मेल का उपयोग अब सही व्यापारी को पहचानने में किया जाएगा। इन पर वन टाईम पासवर्ड भेजकर उनका सत्यापन किया जाएगा। अभी तक प्रदेश में कई व्यापारी अपने नौकरों, रिश्तेदारों के आधार कार्ड, ई मेल का उपयोग कर अपना मोबाइल उसमें दर्ज कर अपने उद्योगों का पंजीयन करा लेते है।
दूसरे नामों से हो रहे फर्जी कारोबार में ये जमकर टैक्स चोरी भी करते है। गड़बड़ी का पता चलने पर गरीब नौकर, रिश्तेदार इसमें दोषी पाए जाते है। इस सब पर रोक लगाने के लिए वाणिज्य कर विभाग ने माल और सेवा कर नियम 2017 में संशोधन कर दिया है। अब व्यापारी को इस अधिनियम के तहत पंजीयन करवाने के लिए अभी तक उपयोग किए जाने वाले मोबाईल नंबर और ई मेल पते के स्थान पर स्थाई खाता संख्या पैन से जुड़े मोबाइल नंबर और ई मेल पते पर वन टाईम पासवर्ड भेजकर उससे व्यापारी की पहचान सत्यापित की जाएगी।
प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अनुरक्षित डाटा बेस से सामान्य पोर्टल द्वारा आॅनलाईन विधिमान्य बनाया जाएगा। जो संशोधन किए कए है उनमें प्रदायकर्ता द्वारा कर का भुंगतान नहीं करने की दशा में इनपुट कर प्रत्यय की वापसी और उसकी पुन: उपलब्धता के लिए बिलों या डेबिट नोट विवरण द्वारा बिल प्रस्तुत करने की सुविधा का उपयोग किया जाएगा। सितंबर के तीसवे दिन तक प्रदायकर्ता इस अवधि के जावक प्रदाय के विवरण के अनुरुप विवरणी प्रस्तुत नहीं किया गया है और इसमें इनपुट कर प्रत्यय का लाभ उठाया गया है तो वित्तीय वर्ष के अंत में नवंबर के तींसवे दिन या उससे पहले जीएसटीआर तीन ख में रिटर्न दाखिल करते समय वापस किया जाएगा। समय पर राशि नहीं दिए जाने पर उसे ब्याज भी दिया जाएगा।