इंदौर: मध्य प्रदेश के भोपाल से पॉक्सो एक्ट मामले में गिरफ्तार युवक को कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है. बीबीए में पढ़ने वाले छात्र की गिरफ्तारी पर जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि वह एक अच्छे घर का लड़का है. लड़के पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन उसे एक बार सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए.
दरअसल, बीबीए में पढ़ने वाले इस छात्र पर आरोप है कि वह एक नाबालिग लड़की (Minor girl) का पीछा करके उसे परेशान करता था. युवक ने नाबालिग को अश्लील कॉल और मैसेज के जरिए मानसिक तौर पर काफी परेशान किया है. नाबालिग को परेशान करने के आरोप में ही बीबीए छात्र को गिरफ्तार किया गया था, जिस पर कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दे दी है.
बीबीए के छात्र को सशर्त जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि, आरोपी छात्र हर शनिवार और रविवार को भोपाल के अस्पताल में सामुदायिक सेवा करेगा. आरोपी को अस्पताल के किसी भी प्राइवेट वार्ड और ऑपरेशन थिएटर में जाने की इजाजत नहीं होगी. हर शनिवार और रविवार को वह अस्पताल में डॉक्टरों और कम्पाउंडरों की मदद करेगा.
बीबीए में पढ़ने वाला छात्र मैनेजेरियल कैडर में अपना भविष्य बनाना चाहता है, जो कि बेहद जिम्मेदारी भरा काम होता है. हाईकोर्ट ने कहा कि बीबीए की पढ़ाई करने वाले छात्र से इस तरह की हरकत की उम्मीद नहीं की जा सकती है. कोर्ट के मुताबिक, आरोपी की शिक्षा पर कोई प्रभाव न पड़े इसलिए उसे एक मौका दिया जाना चाहिए.
पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार बेटे की गलती को सुधारने के लिए, बीबीए छात्र के माता पिता ने कोर्ट में कहा कि वह कोर्ट से वादा करते हैं, कि उनका बेटा भविष्य में इस तरह की गलती फिर से नहीं करेगा. वहीं, कोर्ट के इस फैसले पर नाबालिग के घरवाले संतुष्ट नही हैं. उनकी बेटी को आरोपी लगातार परेशान करता रहा है, इसलिए उसे सजा मिलनी चाहिए.