उज्जैन। सोमवार को भगवान महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भादो मास की इस वर्ष की छठी एवं शाही सवारी धूमधाम से निकलेगी। सवारी मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया है। बाबा इस बार 6 रूप में दर्शन देंगे। पालकी में चंद्रमौलेश्वर विराजीत रहेंगे।
सोमवार को अपरांह 4 बजे के पूर्व मंदिर के कोटितीर्थ परिसर में भगवान का पूजन और आरती होगी। पश्चात चंद्रमौलेश्वर छबि को चांदी की पालकी में विराजीत किया जाएगा। पालकी को मुख्य द्वार पर लाया जाएगा। यहां पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा सलामी दी जाएगी।
सवारी मंदिर से शिप्रा तट के लिए प्रस्थान करेगी। सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर, गरूढ़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद,बैलगाड़ी रथ पर सप्तधान्य मुखारबिंद तथा हाथी पर मनमहेश विराजीत रहेंगे। सवारी में 64 भजन मण्डलियों को अनुमति दी गई है। बड़ी डीजेवाली गाडिय़ां तथा डीजे प्रतिबंधित रहेंगे। कोई भी व्यक्ति किसीप्रकार का विज्ञापन नहीं करेगा। सवारी मार्ग पर मंच बनाने की अनुमति दी गई है। सवारी मार्ग को शाही सवारी के चलते दुल्हन की तरह सजाया गया है। इस बार भीड़ प्रबंधन की दृष्टि से सवारी मार्ग की गलियों को दोपहर पूर्व से ही बंद कर दिया जाएगा। सड़क पर वाहन खड़े करने की मनाही रहेगी।
सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा,कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां मां शिप्रा का पूजन एवं आरती पश्चात सवारी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,कार्तिक चौक, खाती का मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड़, टंकी चौक,मिर्जा नईम बेग मार्ग, तेलीवाड़ा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा,छत्रीचौक,गोपाल मंदिर,पटनी बाजार,गुदरी होकर पुन: रात्रि 11 बजे की शयन आरती से पूर्व मंदिर पहुंचेगी।