दुर्ग। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एनटीसीपी जिला इकाई द्वारा सी.आई.एस.एफ. उतई में जवानों के लिए आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला अस्पताल एनटीसीपी इकाई के जिला सलाहकार डॉ.सोनल सिंह और मुख्य वक्ता डॉ. मुनीष भगत ने कार्यशाला में प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया। सीएमएचओ डॉ.जी.एस.ठाकुर व एनटीसीपी नोडल अधिकारी डॉ.आर.के.खंडेलवाल के मार्गदर्शन में आयोजित तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला में जवानों को तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया गया। वहीं तंबाकू की आदत को छुड़ाने के उपाय के बारे में भी बताया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ. मुनीष भगत ने प्रतिभागियों को बताया, तंबाकू के सेवन से व्यक्ति की औसत आयु कम हो जाती है साथ ही साथ इसके दुष्प्रभाव से होने वाली गंभीर बीमारियों शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती है। द्य लेकिन अगर व्यक्ति नशे की आदत को छोड?ा चाहता है तो कई तरह के उपायों को कर के नशा छोड़ सकता है। डॉ. भगत नेबताया, तंबाकू सेहत के लिए सबसे बुरी आदत हैं इसके बाद भी लोग इससे परहेज नहीं करते हैं। तंबाकू के कई प्रकार है। इनमें गुटका भी तंबाकू के रूप में ही होता है, जिसमें सुपारी और कत्था के साथ अन्य केमिकल का उपयोग कर बनाया जाता है। यह कैमिकल धीरे-धीरे असर करता है और शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है। उन्होंने बताया, तंबाकू से सबसे बड़ा खतरा कैंसर का होता है। मुंह के कैंसर की सबसे बड़ी वजह तंबाकू को ही माना जाता है। खाते वक्त आप यह सब नहीं सोचते लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की यह आपके लिए कितना हानिकारक हो सकता है।
डॉ. भगत ने तंबाकू को छोड?े के तरीकों के बारे में बात करते हुये बताया, तंबाकू को काफी लोग छोड?े की इच्छा रखते हैं, लेकिन वह इसे आसानी से छोड़ नहीं पाते है। उनकी आदत उन्हें ऐसा नहीं करने पर मजबूर कर देती है। कभी-कभी तंबाकू छोड?े के लिए डॉक्टर महंगे इलाज बताते हैं जिससे वह आसानी से नहीं छोड़ पाते हैं। ऐसे में तंबाकू छोड?े के घरेलू उपाय भी आजमाने से आसानी से तंबाकू को छोड़ा जा सकता है।घर में बारीक सौंफ और मिश्री के दानों को मिलाकर धीरे-धीरे चबाने से तंबाकू खाने की आदत धीरे-धीरे कम होते जाती है। तंबाकू को एकदम छोड?े से भी आपको परेशानी हो सकती है।तंबाकू छोड?े के लिए सबसे बड़ी चीज इच्छाशक्ति है जो सबसे बड़ी जरूरत होती है। तम्बाकू व गुटखे के लगातार सेवन से दांत ढीले और कमजोर बनते हैं। बैक्टीरिया दांतों में जगह बना लेते हैं जिससे दांतों का रंग बदलने लगता है और धीरे-धीरे दांत गलने भी लगते हैं।
सी.आई.एस.एफ.उतई में आयोजित जागरूकता कार्यशाला में सी.आई.एस.एफ. के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद इकबाल जफर के द्वारा तंबाकू सेवन से दूर रहकर स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को तंबाकू नियंत्रण से संबंधित पाम्पलेट व ब्रोसर का वितरण किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सोशल वर्कर कविता ताम्रकार व काउंसलर ललित साहू का विशेष सहयोग रहा।