भीलवाड़ा: राजस्थान से भीलवाड़ा जिले से चौंकाने वाली खबर है. यहां स्टाम्प पेपर पर लड़कियों की नीलामी करने का मामला सामले आया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इस कथित घटनाक्रम की जांच के लिए एक टीम भीलवाड़ा भेजी जा रही है. लोन के भुगतान के एवज में वहां लड़कियों की स्टाम्प पेपर पर नीलामी की गई. शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ सालों से इस तरह की खबरें आ रही हैं. लेकिन, सरकार ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
जानकारी के मुताबिक, आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा राजस्थान के प्रमुख सचिव और भीलवाड़ा के एसपी से 1 नवंबर को मुलाकात करेंगी. फिलहाल इस मसले की जांच के लिए आयोग ने दो-सदस्यीय टीम का गठन किया है. आयोग ने कहा कि इस बात की खबरें आ रही हैं कि गांव में कई तरह के विवाद सुलझाने के लिए लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर वैश्यावृत्ति के लिए बेचा जाता है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने राजस्थान के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और उस कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है. इसके अलावा आयोग ने राजस्थान के डीजीपी को भी पत्र लिखकर इस मामले में आरोपी पर एफआईआर में सभी जरूरी धाराएं लगाने के लिए कहा है. आयोग ने डीजीपी से आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने के लिए भी कहा है.
बाल संरक्षण आयोग ने भी दिया नोटिस
इस बीच राजस्थान महिला आयोग ने भी नाबालिग लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर बेचने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया. आयोग ने राज्य के डीजीपी और भीलवाड़ा कलेक्टर को नोटिस भेजा है. आयोग ने अधिकारियों से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और 7 दिनों के अंदर तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा है. राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गुरुवार को भीलवाड़ा की घटना की निंदा की और तुरंत मामला संज्ञान में लिया.
क्या लड़कियों के बदले होता है मां का रेप
इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी सरकार को इस घटना को लेकर नोटिस जारी किया. बताया जाता है कि अगर लड़कियों की स्टाम्प पेपर पर नीलामी से मना किया जाता है तो इसके बदले उनकी पंचायत लड़कियों की मां का बलात्कार करने का आदेश देती है.
इस तरह की कोई घटना नहीं हुई- मंत्री खाचरियावास
लड़कियों को स्टाम्प पेपर पर बेचे जाने वाले मामले का राजस्थान के मंत्री प्रताप खाचरियावास ने खंडन किया है. उन्होंने कहा- ‘यह जांच का विषय है. बिना जांच के हम यह नहीं कह सकते कि जो खबरें निकलकर आ रही हैं वह सत्य हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पहले राजस्थान की पुलिस से बात करनी चाहिए. राज्य में लड़कियों के बेचे जाने की कोई घटना नहीं हुई.’