धार। मध्यप्रदेश के मालवा के धार जिले के नागदा गांव में रहने वाले करोड़पति व्यापारी के बेटे ने 16 साल की उम्र में त्याग और संयम की राह चुनने का फैसला किया है। हार्डवेयर और ऑटो पार्ट्स कारोबारी मुकेश श्रीमाल का बेटा अचल परिवार का इकलौता बेटा है। अचल को भी आम बच्चों की तरह खेलने, घूमने, फिरने और मोबाइल चलाने का शौक है। अचल ने 9वीं तक की पढ़ाई की है। छुट्टियों में मुनियों के साथ विहार करने के दौरान अचल ने संयम और त्याग की राह पर चलने का फैसला किया। अचल अब तक आष्टा, भोपाल, शाजापुर, शुजालपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में 1200 किलोमीटर तक पैदल विहार कर चुके हैं।

अचल करोड़ों की संपत्ति के वारिस हैं लेकिन संयम पथ पर चलने के लिए उन्होंने अभी से सब कुछ त्याग दिया है। बीते डेढ़ साल से अचल बिना पंखे एसी के सो रहे हैं। अचल को दिसंबर में जैन संत जिनेंद्रमुनि गांव में ही दीक्षा देंगे।

परिवार में दीक्षा लेने वाले अचल पहले व्यक्ति बनने वाले हैं। उनसे पहले परिवार के किसी भी सदस्य ने संयम पथ नहीं चुना है। अचल ने मीडिया को बताया कि कैसे उन्होंने त्याग और संयम की राह पर चलने का फैसला किया। अचल के अनुसार उन्होंने 2 साल पहले यानि 2020 में नागदा में वर्षावास किया था, इसी दौरान संयतमुनि जी महाराज के साथ विहार किया। इसी दौरान अचल ने दीक्षा लेने का मन बनाया। उन्होंने बिना पंखे के रहने, पैदल चलने जैसे कार्य कर क्रिया पूरी कर ली है। संयम पथ के नियमों का पालन वे बीते डेढ़ साल से कर रहे हैं। इसलिए अचल को दीक्षा लेने की अनुमति मिली है।

अचल के पिता मुकेश श्रीमाल नागदा और आसपास के इलाके के बड़े कारोबारियों में शामिल हैं। परिवार में अचल के मम्मी-पापा, दादा-दादी और बड़ी बहन है। परिवार सालों से धार्मिक और सामाजिक कार्यों में आगे रहता है। अचल के जैन मुनि बनने के फैसले का परिवार के सदस्यों ने स्वागत किया है और पिता मुकेश और मां रानी ने बेटे के संयम-त्याग पथ पर चुनने पर खुशी जाहिर कर खुद को सौभाग्यशाली बताया। अचल के परिजनों ने कहा कि संसार में कुछ नहीं है। केवल दिखावा है। कितना भी रुपया, धन, संपत्ति हो जाए, शांति नहीं मिलती। इसीलिए हमने बेटे को नहीं रोका। हम सौभाग्यशाली माता-पिता हैं।

नागदा के सबसे कम उम्र के जैन मुनि होंगे अचल

मालवा महासंघ के कार्यवाहक अध्यक्ष संतोष मेहता, राजेंद्र बोकड़िया, सुनील चैधरी, नितेश सुराना के अनुसार अचल नागदा में दीक्षा लेने वाले सबसे कम उम्र के मुनि होंगे। अब तक यहां 17 दीक्षा हो चुकी हैं। 1980 में नागदा की बेटी साध्वी मधु मसा की दीक्षा हुई थी। अब सबसे कम उम्र की पहली दीक्षा अचल की होगी। फिलहाल परिवार में दीक्षा समारोह को लेकर तैयारियां चल रही हैं।