अशोकनगर, 35-35 करोड़ रुपये लेकर कमलनाथ सरकार गिराकर भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों की कांग्रेस सरकार आने पर जांच तो होगी ही तथा इसके अलावा इस तरह की और भी जांचें कांग्रेस सरकार आने पर कराई जाएंगी और अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में आते हैं तो इसका विरोध होगा, मैं इसका विरोध करूंगा.

यह बात मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को यहां एक पत्रकार वार्ता में कही. उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि 35-35 करोड़ रुपये लेने वाले ऐसे विधायकों की कांग्रेस सरकार आने पर जांच के साथ ही इस तरह की और कई जांचे कराईं जाएंगी. साथ ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस में पुन: वापसी के सवाल पर कहा कि में इसका विरोध करूंगा.

दिग्विजय सिंह ने आरक्षित अशोकनगर विधानसभा के विधायक का बिना नाम लिए कहा कि कभी ये विधायक ओबीसी जाति वर्ग के बन जाते हैं, कभी किसी जाति वर्ग के बन जाते हैं, ये खुद ही तय नहीं कर पा रहे हैं आखिर हैं किस जाति के? अब ये स्वयं पूरी तरह से फंस चुके हैं. दिग्विजय सिंह कहा कि इसमें कुछ गलती कांग्रेस की भी रही है, कांग्रेस ने इन्हें टिकट दिया था, ये विधायक बन गए थे और बाद में सौदा पटने पर कांग्रेस को छोडक़र चले गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर ऐसे सौदागरों की जांचे कराईं जाएंगी.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अशोकनगर जिला बनाने की मांग काफी अर्से से की जा रही थी. इस मांग को देखते हुए उन्होंने 2003 में अशोकनगर को जिला बनाया. उन्होंने अशोकनगर की किवदंती को याद दिलाते हुए कहा कि जो भी मुख्यमंत्री यहां आता था, पद से हट जाया करता था. अब अशोकनगर जिला बनने के बाद ये किवदंती टूट गई है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अर्जुन सिंह और संजय गांधी के समय 1979 वे माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में लेकर आए थे. उनका वह स्वर्णिम कार्यकाल रहा. उन्होंने कहा कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत उम्मीदें थीं, पर ये उम्मीद कभी नहीं थी कि वे कांग्रेस को धोखा देकर इस तरह से चले जाएंगे.उन्होंने कहा कि बाजार में खबरें आईं वह तो यही थीं कि बढ़ा सौदा हुआ है. उन्होंने कहा कि हो सकता है सिंधिया की नाराजगी ये हो कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, जबकि समस्त बहुमत कमलनाथ के साथ था. उन्होंने कहा सिंधिया के ग्वालियर (Gwalior) के कई प्रकरण थे, जिनका निराकरण कमलनाथ ने किया.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस में रहते शिवराज सिंह के हाथ किसानों के खून से रंगे हुए बताये थे, कांग्रेस की खूब प्रशंसा करते थे. पर अब इन्हें क्या मिला एक विभाग इनके पास न एक एयरपोर्ट है न एक हवाईजहाज. और हम तो इन्हें महाराज बोलते थे, भाजपा में पहुंचकर ये भाई साहब हो गए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आखिर सिंधिया की नाराजी क्या थी, वे नहीं समझ पाये. उन्होंने कहा कि आखिर हारजीत चुनाव में होती है, वे भी चुनाव हारे हैं, सर्व करना चाहिए था उन्हें, में उन्हें समझाता भी था कि हताश मत होइये, राजनीति में कई अवसर आते हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया का पूर्व का बयान है कि भाजपा पाकिस्तान के आएसआई के लिए काम कर रही है, ऐसी पार्टी में अब वे शामिल होते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी राष्ट्रद्रोही के साथ हाथ मिलाया जा सकता है?

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा आदिवासी वर्ग से राष्ट्रपति बनाती है तो दूसरी तरफ पूरे मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीनों को बेचने का काम सरकार के संरक्षण में हो रहा है, इन सब की जांच होगी. पूरे देश में प्रदेश में आम जनता दुखी है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह झूठी घोषणाओं पर घोषणायें करे जा रहे हैं. उन्होंने उज्जैन के महाकाल लोक में प्रतिमायें गिरने पर भागवान के नाम पर भारी भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए. उन्होंने नोट बंदी को भी सरकार का बढ़ा स्कैंडल बताया.