न्यूयॉर्क । सुबह उठने के बाद ज्यादातर लोगों को तुरंत चाय की तलब लगने लगती है। लेकिन कुछ लोग सिर्फ चाय पीना पसंद नहीं करते हैं, बल्कि उन्हें इसके साथ बिस्किट भी चाहिए होता है। घर-घर में आपको ऐसे लोग दिख जाएंगे, जिन्हें चाय के साथ बिस्किट खाना काफी अच्छा लगता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बिस्किट खाकर आप जान से हाथ भी धो सकते हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क में कुछ ऐसा ही हुआ है। जहां एक मशहूर डांसर की बिस्किट खाने से मौत हो गई।

बिस्किट खाने के बाद कोमा में चली गई थी ओर्ला
पच्चीस वर्षीय डांसर ओर्ला बैक्सेंडेल (Orla Baxendale) की बिस्किट खाने के बाद मौत हो गई। बिस्किट खाने के बाद स्थिति इतनी खराब हो गई कि दवा भी उसे न बचा सकी। ओर्ला ने जैसे ही मूंगफली युक्त बिस्किट खाया तो वह कोमा में चली गई। इसके बाद उसके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद जिंदगी की जंग लड़ते हुए 11 जनवरी को उसने दम तोड़ दिया। मशहूर डांसर ब्रिटेन के हेल्मशोर की रहने वाली थी। लेकिन न्यूयॉर्क में रह रहीं थीं।

सुपर मार्केट से खरीदा था बिस्किट
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, अटॉर्नी मारिजो डी एडमिन ने बताया कि ओर्ला जो कुछ भी खाती थी, उसे लेकर बहुत सावधान और सतर्क रहती थी। वह हमेशा सभी पैकेजिंग समाग्री की अच्छे से जांच करती थी। वह हमेशा अपने साथ एक एपिपेन (एक चिकित्सा उपकरण, जिसका इस्तेमाल गंभीर एलर्जी की बीमारियों के लिए किया जाता है) लेकर चलती थी। उन्होंने आगे कहा, बिस्किट खाने के बाद जब उसे समस्या हुई तो एपिपेन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन एलर्जी ज्यादा गंभीर होने के कारण इसका भी कोई असर न हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, डांसर ने बिस्किट सुपर मार्केट से खरीदा था। जिसे उसने पिछले साल दिसंबर के आखिरी हफ्ते में खाया था। जिसके बाद वह बीमार हो गई। इसके बाद जनवरी में उसने अंतिम सांस ली। बिस्किट से मौत की खबर सुनते ही हर कोई हैरान हो गया।

ओर्ला के परिजनों ने बयान जारी जताया दुख
डांसर के परिजनों ने एक बयान में कहा, ओर्ला एक हकीकत थी। वह एक सुंदर, बहादुर आत्मा थी जो हमेशा बड़े सपनों को हासिल करने में भरोसा रखती थी। उसने यही किया भी। उसने दुनियाभर में अपने तरीके से डांस किया और हर दिन पूरी तरह से अपना जीवन जिया। परिवार ने कहा, हम उसको खोने के दर्द से कभी नहीं उबर पाएंगे। हमें उसे अपनी बेटी और बहन कहने पर हमेशा बहुत गर्व होगा। हमें इस तरह की सुंदर लड़की के साथ पच्चीस साल बिताने का सौभाग्य मिला। बयान में आगे कहा गया, यह हमारी समझ से बाहर है कि एलर्जी जान कैसे ले सकती है। हम सभी से अनुरोध करना चाहते हैं कि वे अपने आप को और अपने आस-पास के लोगों को एनाफिलेक्सिस के बारे में जागरूक करें।