रायपुर। सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व जैन दादाबाड़ी में लगातार 5 वर्षो से पूनम व अमावस्या की आराधना साधना का विधान अविरल भाव भक्ति से जारी है। सभी गुरु भक्तो के समर्पण से गुरु भक्ति के आगाज का ही प्रभाव है कि सभी भक्तो की मनो कामना पूर्ण होती है। इसी चमत्कारी प्रभाव से ही इस दादाबाड़ी को चमत्कारी जैन दादाबाड़ी कहा जाता है। उपरोक्त उदगार ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद ने पूजा के विधान को प्रारंभ करते हुए कहा कि इसी के साथ सबसे पहले नारियल, अक्षत समर्पण के साथ लाभार्थी परिवार ने संगीतमय बड़ी पूजा का प्रारंभ सुप्रसिद्ध भजन गायक वर्धमान चोपड़ा ने गुरु पार्टिख सूर तरु रूप सुगुरु दूजो तो नही का साथ किया। आज कुमारी विरक्ति चोपड़ा के जन्मदिन को भी दादागुरुदेव के आशीर्वाद के साथ चोपड़ा परिवार ने सहधमीर्वात्सल्य का लाभ भी लिया।

उपरोक्त जानकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व  महासचिव महेन्द्र कोचर ने देते हुए बताया कि सर्वप्रथम अष्ठ प्रकारी पूजा के आठ विधान क्रमश: जल, चंदन, पुष्प,धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल के साथ पूर्ण विधि विधान व संगीत मय चौपाइयों के साथ लाभार्थी परिवार ने संपन्न किया। इसके पश्चात नवमी पूजा में वस्त्र समर्पण व दशम पूजा में मार्बल की कलात्मक छतरी में विराजित चारों दादागुरुदेव के सम्मुख चांदी कि छतरी को सौभाग्यवती महिलाओ ने सिर पर रखकर शंख ध्वनि , घंटानाद के साथ दो फेरी देकर  इन भाव पुर्ण बोल धव्ज पूजन कर हरख भरी हरख भरी रे देवा हरख भरी के साथ सिखरोपुरी ध्वजा समर्पयामी के मंत्रो के साथ ध्वजा शिखर पर विराजित की गई। उपरोक्त अवसर पर खरतरगच्छ सहस्राब्दी समारोह के कैलेंडर का विमोचन समिति के महासचिव सुपारस गोलछा, संतोष बैद, महेन्द्र कोचर विवेकानंद जैन समाज के अध्यक्ष श्यामसुंदर मुथा , विचक्षण विद्यापीठ के अध्यक्ष सुरेश कांकरिया कैवल्यधाम के ट्रस्टी पारस झाबक भी उपस्थित थे।

आज के भक्तिमय पूजा महोत्सव में दिप्ती बेद ने भी कैसे कैसे अवसर में गुरु राखी लाज हमारी मोको सबल भरोसा तेरा चंद्रसुरी पट्ट धारी के गुरु महिमा वर्णन के भजन से भक्ति रस में सभी को आकंठ डूबा दिया ,  विधान में मुख्य रूप से पदम गोलछा ट्रस्टी निलेश गोलछा धीरेंद्र सेठ , संतोष झाबक , शरद चोपड़ा प्रसन्न चोपड़ा डॉ योगेश , श्रीमती मंजू कोठारी ,वर्तिका चोपड़ा डॉ रश्मि मालू ,  शैला बरडिया , सरला बैद , ममता नाहर , मयूरी गोलेछा आदि सेकडो की संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।